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UP polls 2022: बीजेपी और सहयोगी दल में सीटों का बंटवारा, निषाद पार्टी को 15 और अपना दल को 20 सीटें दे सकती है भाजपा!

By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 19, 2022 15:52 IST

UP polls 2022: उत्तर प्रदेश की 403 में से 15 सीटें हमें भाजपा के साथ गठबंधन के तहत मिली हैं। इनमें से ज्यादातर सीटें पूर्वांचल की हैं जबकि पश्चिमांचल से भी कुछ सीटें मिली हैं।

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ठळक मुद्देसत्तारूढ़ गठबंधन एक बार फिर तीन सौ से ज्यादा सीटें जीतेगा।ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया मंचों पर काफी सक्रिय हैं।प्रदेश के 70 जिलों में डिजिटल कार्यालय काम कर रहे हैं।

UP polls 2022: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए अपनी सहयोगी निषाद पार्टी को 15 सीटें देने का फैसला किया है। एक अन्य सहयोगी अपना दल को 18-20 सीटों पर चुनाव लड़ना होगा। इस संबंध में बात लगभग फाइनल हो चुकी है। 

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा था कि हमें भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ने के लिए 15 सीटें (403 सीटों में से) मिली हैं। सीटें लगभग फाइनल हो चुकी हैं। अधिकांश सीटें 'पूर्वांचल' (पूर्वी यूपी) में हैं और कुछ 'पश्चिमांचल' (पश्चिम) में हैं। उन्होंने कहा, 'कुछ सीटें ऐसी हैं जिन्हें हम बदलते समीकरणों के कारण बदलना चाहते हैं। हम न केवल सीट पर बल्कि 'जीत' (जीत) पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

अपना दल (एस) के बारह उम्मीदवारों ने 2017 के चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन में 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उन्होंने नौ सीटों पर जीत हासिल की थी। पिछले हफ्ते विश्वनाथगंज सीट से आरके वर्मा और शोहरतगंज से चौधरी अमर सिंह ने दो विधायकों ने पार्टी छोड़ दी।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने रविवार को कहा था कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। निषाद ने कहा कि वह जल्द ही दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे।

उन्होंने कहा कि इस दौरान यह तय किया जाएगा कि वह 15 सीटें कौन सी होंगी जिन पर निषाद पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) का गठन वर्ष 2016 में हुआ था और इसके नेताओं का दावा है कि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रभावशाली निषाद समुदाय का समर्थन हासिल है।

संजय निषाद ने कहा कि उनकी पार्टी ने पूरे प्रदेश में अपना जनाधार बनाया है और खास तौर पर गोरखपुर, बलिया, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर, जौनपुर, भदोही, सुल्तानपुर, अयोध्या, चित्रकूट, झांसी, बांदा, हमीरपुर और इटावा जिलों में उसका खासा प्रभाव है। निषाद पार्टी ने वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी, अपना दल और जन अधिकार पार्टी के साथ गठबंधन करके 100 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे लेकिन उसे भदोही के ज्ञानपुर के रूप में एकमात्र सीट हासिल हुई थी।

हाल ही में विधान परिषद सदस्य बनाए गए निषाद ने गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था और वह तीसरे स्थान पर रहे थे। वर्ष 2018 के गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में संजय के बेटे प्रवीण निषाद समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे और उन्होंने वहां भाजपा को शिकस्त दी थी। प्रवीण निषाद इस वक्त संत कबीर नगर से भाजपा के सांसद हैं। निषाद बिरादरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर में दूसरा सबसे बड़ी आबादी वाला समुदाय है।

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