UP Politics News: उत्तर प्रदेश में चुनाव जीते सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सांसद अपने-अपने क्षेत्र में जाकर जनता का आभार व्यक्त करने में जुटे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली और वायनाड में जाकर जनता का आभार व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जून को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जनता का आभार जताने के लिए आ रहे हैं. अन्य नेता भी इसी तरह से अपने संसदीय क्षेत्र में जाकर चुनाव जीतने के लिए जनता का आभार व्यक्त का कार्यक्रम बना रहे हैं. वही दूसरी तरफ मोदी सरकार में मंत्री रहे और मोहनलालगंज लोकसभा सीट से यह चुनाव हारे कौशल किशोर ने अपने क्षेत्र में दलित समाज के बीच जाकर उनके भ्रम को दूर करने का फैसला किया है.
उनका मानना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान आरक्षण खत्म करने और संविधान को बदलने के प्रचार से ही प्रभावित होकर उनके क्षेत्र में दलित और पिछड़े समाज ने उन्हें वोट देने के उत्साह नहीं दिखाया. इस वजह से उनकी हार हुई. इसलिए अब 30 जून को कौशल किशोर अपने क्षेत्र में बड़ा सम्मेलन कर दलित और पिछड़े समाज के बीच फैलाए गए भ्रम को दूर करेंगे.
ताकि विपक्षी दलों के संविधान बदलने के प्रचार की धार को कुंद किया जा सके. कौशल किशोर मोहनलालगंज लोकसभा सीट से लगातार दो बार सांसद रहे हैं. इस बार उन्हे सपा के आरके चौधरी ने हरा कर उनकी जीत की हैट्रिक नहीं बनने दी. कौशल किशोर का मानना है कि उनकी हार की दो वजह रही हैं.
कौशल किशोर के अनुसार, चुनाव के पहले आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने के मुद्दे पर दलित और पिछड़े समाज में काफी रिएक्शन था. विपक्ष ने इसे लेकर खूब प्रचार किया. विपक्ष के इस झूठे प्रचार को बेनकाब करने में काफी देर हुई, जिसका उन्हे और पार्टी को नुकसान हुआ. इसके अलावा पार्टी के लोगों ने उनके साथ विश्वासघात किया.
इस कारण से वह इस चुनाव में हार गए. कौशल किशोर ने अपनी हार के यह दोनों कारण पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल को बताए हैं. इन दोनों नेताओं को कौशल किशोर यह भी बताया है कि वह अपने संसदीय क्षेत्र में लगातार विपक्ष के चुनाव के दौरान फैलाए गए झूठ को बेनकाब करेंगे. इसके लिए वह सम्मेलन और जनसभाएं करेंगे.
सपा को दलित विरोधी साबित करेंगे
कौशल किशोर का कहना है कि मायावती की सरकार के दौरान प्रमोशन में आरक्षण देने का फैसला हुआ था. इस फैसले के खिलाफ सपा ने प्रदेश में आंदोलन चलाया था और वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने इसे खत्म करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था. साल 2012 में जब सूबे में अखिलेश यादव की सरकार सत्ता में आई तो सपा सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण को खत्म कर दलित समाज को मिले हक पर गाज गिरा दी थी. अब फिर सपा और उसके सहयोगी दल दलित समाज को आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने के मुद्दे पर भ्रमित करने में जुटे हैं.
जबकि पीएम मोदी सहित पार्टी के तमाम सीनियर नेता यह कहा चुके हैं कि ना तो आरक्षण खत्म करने को लेकर कोई सोच है और ना ही संविधान बदलने के मुद्दे पर ही कोई पहल की गई है. विपक्षी दल इस बारे में भ्रम फैला रहे हैं. यहीं बात अब कौशल किशोर अपने बलबूते पर अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों को बताने में जुटेंगे.
भाजपा नेताओं का कहना है ऐसा करते हुये कौशल किशोर अपने क्षेत्र में कमजोर हुई अपनी पकड़ को मजबूत करेंगे और यह सब करते हुए पार्टी संगठन में दलित समाज को एकजुट करने के लिए कोई बड़ा पद पाने का प्रयास करेंगे.