UP Nagar Nikay Chunav 2023: सभी 17 नगर निगम में रोड शो और सभा करेंगे सीएम योगी, लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति, मौर्य और पाठक सहित सभी मंत्री करेंगे प्रचार
By राजेंद्र कुमार | Published: April 15, 2023 06:44 PM2023-04-15T18:44:52+5:302023-04-15T18:46:12+5:30
UP Nagar Nikay Chunav 2023: यूपी नगर निकाय के चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे. पहल चरण की वोटिंग 4 मई को है. दूसरे चरण की वोटिंग 11 मई को कराई जाएगी.
लखनऊः उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के ठीक पहले होने वाले निकाय चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होने वाले हैं. इन चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार करने यूपी में नहीं आएंगे. यही नहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह में निकाय चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों को जिताने की रणनीति नहीं तैयार करेंगे.
ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने बल पर यूपी के सभी 17 नगर निगमों में मेयर पद पर चुनाव लड़ने वाले पार्टी प्रत्याशियों को जिताने की बड़ी चुनौती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी यह पता है कि अगर वह सभी 17 नगर निगमों में मेयर के पद पर पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में सफल नहीं हुए तो उनकी छवि पर असर पड़ेगा.
जातीय समीकरण के लिहाज से निकाय चुनावों में चुनाव प्रचार करने की जिम्मेदारी दी जाएगी
ऐसे में अब सीएम योगी ने तय किया है कि वह सभी 17 नगर निगमों के साथ बड़ी नगर पालिकाओं में चुनावी सभा और रोड शो करेंगे. इसके अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के साथ सरकार के मंत्रियों को भी जातीय समीकरण के लिहाज से निकाय चुनावों में चुनाव प्रचार करने की जिम्मेदारी दी जाएगी.
वर्ष 2017 में यूपी की सत्ता पर काबिज होने का बाद यह पहला मौका है, जब यूपी में भाजपा के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी में सीएम योगी की देखरेखे में प्रदेश के नगर निगमों की तुलना में नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में चुनाव हो रहा है. भाजपा के बड़े नेता इस वक्त कर्नाटक के विधानसभा चुनावों को लेकर व्यस्त है.
नगर पंचायतों में जीत का आंकड़ा भी 36 से बढ़कर 100 हो गया था
ऐसे में इस बार यूपी के निकाय चुनावों में भाजपा के प्रत्याशियों को जिताने का दायित्व सीएम योगी पर है. सीएम योगी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए यह कड़ी परीक्षा का समय है क्योंकि पहले भी इन निकायों में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा है. वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनाव की बात करें तो तब सीएम योगी सत्ता में आए ही थे.
उस समय भाजपा एक तिहाई नगर पालिका तथा एक चौथाई नगर पंचायतों में ही जीत दर्ज कर सकी थी. वर्ष 2017 के निकाय चुनावों में पार्टी 16 नगर निगमों में से 14 पर जीत हासिल की थी. इसके अलावा 70 नगर पालिका अध्यक्ष पद जीतने में कामयाब रही। वहीं नगर पंचायतों में जीत का आंकड़ा भी 36 से बढ़कर 100 हो गया था.
यही नहीं तब नगर पालिकाओं में सपा-बसपा ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था. सपा के 45 पालिका अध्यक्ष और 83 नगर पंचायत अध्यक्ष जीते थे. जबकि बसपा ने 28 नगर पालिका और 45 नगर पंचायतों में जीत दर्ज की थी। वहीं नगर पंचायतों में निर्दलियों ज्यादा जीते थे.
नगर निगम और नगर पालिका तथा पंचायतों को लेकर भी अपनी रणनीति बदली
ऐसे में इस बार इस बार सीएम योगी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने नगर निगम और नगर पालिका तथा पंचायतों को लेकर भी अपनी रणनीति बदली है. पार्टी ने जिला मुख्यालय वाली सभी बड़ी नगर पालिकाओं को जीतने का लक्ष्य रखा है. इन पालिकाओं में भाजपा नगर निगमों की तर्ज पर ही मेहनत कर रही है और मंत्रियों तथा पार्टी के बड़े नेताओं को प्रभारी बनाया गया है.
पार्टी ने मुस्लिम बाहुल्य वाली सीटों पर उनका एकाधिकार तोड़ने को पसमांदा मुस्लिमों को साधने का भी प्रयास किया है. उन्हें कुछ स्थानों पर टिकट देने की भी तैयारी है. इसके अलावा अब सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर सभी 17 नगर निगमों के साथ बड़ी नगर पालिकाओं में चुनावी सभा और रोड शो करने का फैसला किया है.
सीएम का मानना है कि उनके रोड शो और सभाएं करने से जनता पर उसका प्रभाव पड़ेगा और भाजपा प्रत्याशियों को इसका लाभ मिलेगा. यूपी नगर निकाय के चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे. पहल चरण की वोटिंग 4 मई को है. दूसरे चरण की वोटिंग 11 मई को कराई जाएगी और निकाय चुनाव के नतीजे 13 मई को आएंगे.