UP Lok Sabha Elections Result 2024: नृपेंद्र मिश्रा के पुत्र साकेत मिश्र भी श्रावस्ती सीट पर हारे
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 4, 2024 21:17 IST2024-06-04T21:17:04+5:302024-06-04T21:17:32+5:30
साकेत मिश्रा के पिता नृपेंद्र मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद विश्वासपात्र अफसर रहे हैं और वर्तमान में वह अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं। उनकी देखरेख में ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, इसलिए श्रावस्ती सीट भी भाजपा के लिए अहम थी, लेकिन यह सीट भी भाजपा 75 हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गई।

UP Lok Sabha Elections Result 2024: नृपेंद्र मिश्रा के पुत्र साकेत मिश्र भी श्रावस्ती सीट पर हारे
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अयोध्या (फैजाबाद) ही नहीं श्रावस्ती की सीट भी हार गई। राम मंदिर निर्माण से इन दोनों सीट का जुड़ाव है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ है। राम मंदिर निर्माण भाजपा का चुनावी मुद्दा रहा है। इसलिए अयोध्या सीट भाजपा के लिए अहम थी। इसी प्रकार श्रावस्ती सीट से साकेत मिश्रा भाजपा के प्रत्याशी थे, वह चुनाव हार गए। जबकि साकेत मिश्रा के पिता नृपेंद्र मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद विश्वासपात्र अफसर रहे हैं और वर्तमान में वह अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं। उनकी देखरेख में ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, इसलिए श्रावस्ती सीट भी भाजपा के लिए अहम थी, लेकिन यह सीट भी भाजपा 75 हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गई।
श्रावस्ती लोकसभा सीट पर साकेत मिश्रा के खिलाफ निवर्तमान सांसद राम शिरोमणि वर्मा हाथी का साथ छोड़ कर सपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़े थे। उत्तर प्रदेश के सबसे गरीब जिलों में से एक श्रावस्ती की इस सीट पर पूरे देश ही निगाह थी। लोगों का लग रहा था कि साकेत मिश्रा जिंहोने आईपीएस की सर्विस छोड़कर सालों तक सिंगापुर में बैंकिंग सेक्टर में काम किया। फिर वह देश में लौटे और भाजपा में शामिल होकर विधान परिषद सदस्य हुए और पूर्वांचल के विकास को लेकर क्षेत्र में कार्य करने लगे।
इसी दौरान उन्हे चुनाव मैदान में उतार दिया गया, तो उन्होंने ऐलान किया कि श्रावस्ती का विकास करना उनकी पहली प्राथमिकताओं में शामिल है। ऐसी भावना रखने वाले साकेत यह चुनाव हार गए, जबकि अयोध्या की तर्ज पर श्रावस्ती में भी एयरपोर्ट बनाया गया है, सड़कों का जाल बिछाया गया है और केंद्रीय विद्यालय विद्यालय खुले हैं। लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में कई ऐसे इलाक़े हैं जहां विकास की रोशनी अब तक नहीं पहुंची है। शायद इसी का खामियाजा साकेत मिश्रा को हारा कर इस क्षेत्र की जनता ने भाजपा पर फोड़ा है।