जौनपुर: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में जिस प्रोफेसर रज्जू भैया संस्थान और अशोक सिंघल भारतीय परंपरागत विज्ञान केंद्र का फीता काटा। मामले में विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर ने दावा किया है कि इस केंद्र का उद्घाटन 14 मई 2020 को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के हाथों से पहले ही हो चुका है।
पूर्व वाइस चांसलर राजाराम यादव ने इस मामले में आश्चर्य जताते हुए कहा कि मौजूदा विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूपी सरकार की आंख में धूल झोंकने का प्रयास किया है। दरअसल इस मामले में तब तूल पकड़ लिया जब उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने ट्विटर हैंडल से पूर्वांचल विश्वविद्यालय में किये गये उद्घाटन कार्य की तस्वीर साझा करते हुए बताया कि उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में अशोक सिंघल के नाम पर नवनिर्मित परंपरागत विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान का लोकार्पण किया है।
इसके बाद मामले में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर राजाराम यादव ने यह कहते हुए सनसनी फैला दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 जनवरी 2018 को विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रज्जू भैया संस्थान और अशोक सिंघल भारतीय परंपरागत विज्ञान केंद्र की नींव रखी थी। जिसका निर्माण कार्य तो दो साल में ही पूरा हो गया था और उसका लोकार्पण तत्कालीन डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के हाथों 14 मई 2020 को किया गया था।
पूर्व वाइस चांसलर ने मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन और मौजूदा वाइस चांसलर निर्मला मौर्य पर आरोप लगाया कि वो राज्य सरकार को छलावे में रखकर विश्वविद्यालय परिसर में लोकार्पण का पत्थर लगवाने का काम कर रही हैं। पूर्व वाइस चांसलर ने कहा कि निर्मला मौर्य ने शिक्षा में सुधार के लिए एक काम नहीं किया है। इस कारण पूरी यूनिवर्सिटी मजाक बन गई है।