चंदौली: सैयदराजा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुशील सिंह ने जीत दर्ज की है। सुशील सिंह को कुल 87225 वोट मिले, जबकि उनके निकटम प्रतिद्वंदी मनोज कुमार सिंह डब्लू को 76260 वोट मिले।
सैयदराजा सीट से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने वाले सुशील सिंह यह चुनाव 10965 वोट से जीते हैं। साल 2017 के चुनाव में सुशील सिंह ने बसपा के श्याम नारायण सिंह को करीब 14 हजार वोटों के अंतर से हराया था। साल 2022 में सैयदराजा सीट से कांग्रेस की विमला देवी बिंद, बसपा के अमित कुमार यादवऔर आप के सुरेश सिंह भी मैदान में थे।
सैयदराजा विधानसभा सीट पूर्वी यूपी की सीमा को तय करती है। बिहार सीमा से सटी हुए इस विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरने वाली कर्मनाशा नदी उत्तर प्रदेश और बिहार को विभाजित करती है।
माफिया डॉन बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह बसपा के टिकट पर पहली बार चंदौली के धानापुर विधानसभा से साल 2002 में चुनाव लड़े थे। लेकिन उस चुनाव में वो उन्हें महज 26 मतों से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी।
उसके बाद 2012 में सुशील सिंह सकलडीहा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने। विधायक सुशील सिंह का परिवार पूर्वांचल में बाहुबल के साथ राजनीति में अच्छाखासा दखल रखता है।
इनके पिता और बृजेश सिंह के बड़े भाई उदयनाथ सिंह उर्फ चुलबुल सिंह साल 1995 में पहली बार बनारस से जिला पंचायत सदस्य बने थे। उसके बाद चुलबुल सिंह वाराणसी से ही निर्विरोध एमएलसी चुने गये। विधायक सुशील सिंह की चाची अन्नपूर्णा सिंह और उसके बाद उनके चाचा बृजेश सिंह विधान परिषद के सदस्य बने।
सैयदराजा विधानसभा सीट का नाम साल 2012 से पहले चंदौली सदर हुआ करता था। यहां से कभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलापति त्रिपाठी ने चुनाव जीता था, जो बाद में यूपी के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री बने थे।