UP Election 2022: भाजपा ने आगरा में 9 विधायकों में से 5 के टिकट काटे, यहां जानें क्या है पूरा मामला
By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 18, 2022 13:58 IST2022-01-18T13:57:20+5:302022-01-18T13:58:24+5:30
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये आगरा जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के एक-एक उम्मीदवार समेत कुल छह उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया।

दोनों नेताओं को पार्टी का टिकट दिये जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था।
UP Election 2022: आगरा जिले में एक मंत्री सहित भाजपा के नौ मौजूदा विधायकों में से पांच को आगामी यूपी विधानसभा चुनावों के लिए टिकट से वंचित कर दिया गया। आगरा जिले में पार्टी ने पांच विधायकों के टिकट काटे हैं और अभी तक यहां सबसे अधिक असंतोष सामने आया है।
आगरा में 10 फरवरी को मतदान होना है। भाजपा ने एत्मादपुर, आगरा ग्रामीण, फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद और खेरागढ़ में पांच नए चेहरों को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में आगरा में बड़ी सफलता हासिल की थी और आगरा कैंट और आगरा ग्रामीण की दो आरक्षित सीटों सहित सभी 9 सीटों पर जीत हासिल की थी।
बीजेपी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रभुत्व को सेंध लगाई थी, जिसने 2007 और 2012 में 9 में से 6 सीटें जीती थीं। भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक को आगरा कैंट (आरक्षित), आगरा उत्तर, आगरा दक्षिण और बाह विधानसभा क्षेत्र में बरकरार रखा।
तीन शहरी सीटों पर पुरुषोत्तम खंडेलवाल को फिर से आगरा उत्तर से, योगेंद्र उपाध्याय को आगरा दक्षिण से और डॉ जीएस धर्मेश, जो योगी कैबिनेट में मंत्री हैं आगरा कैंट से मैदान में हैं। ग्रामीण सीटों में से सिर्फ बाह को ही मौजूदा विधायक पक्षालिका सिंह को फिर से टिकट दिया गया है। चौधरी उदय भान सिंह के स्थान पर, जो वर्तमान में फतेहपुर सीकरी से राज्य कैबिनेट में मंत्री हैं, पार्टी ने भाजपा के पूर्व सांसद चौधरी बाबूलाल पर भरोसा किया है।
खेरागढ़ में महेश गोयल की जगह बसपा के पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा और आगरा ग्रामीण की आरक्षित सीट से मौजूदा विधायक हेमलता दिवाकर की जगह बेबी रानी मौर्य ने ली है। मौर्य उत्तराखंड के राज्यपाल रह चुकी हैं और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
उन्होंने पहले एत्मादपुर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गईं। एत्मादपुर के मौजूदा विधायक राम प्रताप सिंह ने 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ धर्मपाल (बसपा) को हराया था, लेकिन बीजेपी ने राम प्रताप सिंह की जगह डॉ धर्मपाल को टिकट दिया है। फतेहाबाद सीट में भी बदलाव देखा गया और मौजूदा विधायक जितेंद्र वर्मा की जगह पूर्व विधायक छोटे लाल वर्मा को लाया गया।
पर्चा दाखिल करने वाले भाजपा उम्मीदवारों में फतेहपुर सीकरी से चौधरी बाबू लाल और एत्मादपुर से धरमपाल सिंह शामिल हैं। चौधरी दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। बसपा के विधायक रह चुके धरमपाल सिंह सपा के साथ मतभेद के बाद 12 जनवरी को भाजपा में शामिल हो गये थे। दोनों नेताओं को पार्टी का टिकट दिये जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था।