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UP Election 2022: जानिए ओम प्रकाश राजभर और अनिल राजभर के बीच वाराणसी की किस सीट पर हो सकती है टक्कर

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 25, 2022 17:25 IST

ओमप्रकाश राजभर वाारणसी की शिवपुर सीट से इसलिए भी चुनाव लड़ सकते हैं कि क्योंकि उनकी जाति में केवल अनिल राजभर ही हैं, जो बिरादरी के बीच कड़ी टक्कर दे सकते हैं

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ठळक मुद्दे2017 में योगी सरकार ने ओम प्रकाश राजभर के साथ-साथ अनिल राजभर को भी मंत्री बनाया थावाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट साल 2012 के चुनावी परिसीमन के बाद बनी2017 के चुनाव में अनिल राजभर ने पहली बार चुनाव लड़ते हुए शिवपुर सीट पर कब्जा किया था

वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वाराणसी एक ऐसा जिला है, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने वाले वाराणसी के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में इस वक्त बड़ी हलचल मची हुई है।

सूत्रों के मुताबिक वाराणसी के आठ विधानसभा क्षेत्रों में इस बार सबसे बड़ा सियासी घमासान शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिल सकता है। खबरें आ रही हैं कि शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभार को मात देने के लिए सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर ताल ठोंक सकते हैं। 

माना जा रहा है विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात देने की फिराक में लगे ओमप्रकाश राजभर शिवपुर सीट से इसलिए भी चुनाव लड़ सकते हैं कि क्योंकि उनकी जाति में केवल अनिल राजभर ही हैं, जो बिरादरी के बीच उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। यही कारण है कि ओमप्रकाश राजभर अक्सर ही मंत्री अनिल राजभर पर निशाना साधते रहते हैं। 

वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट साल 2012 के चुनावी परिसीमन के बाद बनी। जहां से साल 2012 में पहली बार बहुजन समाज पार्टी के उदय लाल मौर्या ने जीत दर्ज की थी। वहीं 2017 के चुनाव में अनिल राजभर ने जीवन में पहली बार चुनाव लड़ते हुए शिवपुर सीट पर कब्जा किया।

बहुजन समाज पार्टी ने साल 2017 के चुनाव में यह सीट इसलिए खो दी क्योंकि बसपा ने जीते हुए एमएलए उदय लाल मौर्य का टिकट काटते हुए विरेंद्र सिंह को टिकट दे दिया था। अनिल राजभर ने समाजवादी पार्टी के आनंद मोहन यादव को लगभग 54 हजार वोटों से हराया था, वहीं बहुजन समाज पार्टी के वीरेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे।  

चूंकि साल 2017 में सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी का भाजपा के साथ गठबंधन था। इसलिए ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार में मंत्री बने थे और सत्ता का बैलेंस बना रहे इसलिए भाजपा ने अपने कोटे से अनिल राजभर को भी मंत्री बनाया था। यही कारण है कि ओम प्रकाश राजभर शुरू से अनिल राजभर को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी मानते हैं। 

यादव, दलित, पटेल, राजभर और मुसलमान वोटरों वाले शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में चिरईगांव ब्लॉक के 96 गांव के 192 बूथ आते ही हैं। वहीं साथ में काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 12 गांवों के 58 बूथ और हरहुआं ब्लॉक के 30 गांवों के 57 बूथ के लगभग 3 लाख मतदाता शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में खड़े होने वाले प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।  

टॅग्स :विधानसभा चुनाव 2022ओम प्रकाश राजभरAnil Rajbharवाराणसीयोगी आदित्यनाथYogi Adityanath
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