नई दिल्ली: अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सियासत चरम पर पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने चुनाव से पहले ही जनसभाओं की झड़ी लगा दी है। भाजपा इस चुनाव में सपा को अपना प्रमुख प्रतिद्वंदी मान रही है, जबकि कांग्रेस, बसपा और आप सहित दूसरे दलों को भाजपा नेतृत्व चुनावी दौड़ में शामिल करने से ही इंकार कर रहा है।
भाजपा को बड़ा झटका देंगे अखिलेश
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी भाजपा से ही मुकाबला मान रहे हैं। उनकी नज़र में कांग्रेस चुनाव में खाता भी नहीं खोल पायेगी। सूत्रों ने दावा किया कि अखिलेश चुनाव घोषणा से पहले भाजपा को बड़ा झटका देने में जुटे हैं।
सूत्र ने बताया कि मोदी सरकार में शामिल 'अपना दल' की नेता अनुप्रिया पटेल भाजपा का साथ छोड़ सपा में शामिल हो सकती हैं। इधर अखिलेश वरुण गांधी को भी सपा में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
हालाँकि, वरुण ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वरुण के निकट सूत्रों से मिली खबरों के अनुसार वरुण तय नहीं कर पा रहे हैं कि परिवार में शामिल हों अथवा सपा में। उल्लेखनीय है कि वरुण लगातार अपने ट्वीट और पत्रों के द्वारा मोदी सरकार पर हमलावर हैं।
यूपी चुनाव को लेकर कांग्रेस के अपने दावे
जिस कांग्रेस को सपा और भाजपा चुनावी जंग से बाहर बता रहे हैं उसका दावा है कि पार्टी इस बार चुनाव समीकरण बदलेगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने दावा किया कि कांग्रेस 80 से 100 के बीच सीटें जीतेगी और जो भी गैर भाजपा सरकार बनेगी उसे कांग्रेस की ज़रुरत होगी।
पार्टी के हाल के आंतरिक सर्वेक्षण में भी कांग्रेस को 70 से 90 सीटें जीतने की बात कही गयी है और इसका मुख्य आधार महिलाओं के वोट के साथ साथ ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाताओं को बताया गया है। पार्टी पूर्वी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर अपना दांव लगा रही है क्योंकि यहीं से उसे सर्वाधिक सीटें मिलने की उम्मीद है।