UP Election 2022: स्वामी प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान, 'आगे की धार और आगे की वार देखते रहिए, अभी 10 से 12 और विधायक देंगे इस्तीफा'
By रुस्तम राणा | Published: January 11, 2022 06:08 PM2022-01-11T18:08:06+5:302022-01-11T19:10:14+5:30
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया से कहा कि आगे की धार और आगे की वार देखते रहिए। अभी तो भाजपा से 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे। इसके बाद मैं एक या दो दिन में पूरी स्थिति से मीडिया को रूबरू कराउंगा कि आगे मुझे क्या करना है।
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी बीजेपी को झटका देते हुए योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर सपा में शामिल हो गए। सूबे की राजधानी लखनऊ में अपने आवास पर स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा को लेकर बड़ा बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया से कहा कि आगे की धार और आगे की वार देखते रहिए। अभी तो भाजपा से 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे। इसके बाद मैं एक या दो दिन में पूरी स्थिति से मीडिया को रूबरू कराउंगा कि आगे मुझे क्या करना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसान, दलित और नौजवानों के साथ जो व्यवहार हो रहा है वह बर्दाश्त नहीं है। मैंने मंत्रिमंडल के साथ बाहर भी मंत्रियों से बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में बिना सम्मान के भाजपा में नहीं रह सकता था। उन्होंने कहा कि इस्तीफे से पहले उन्होंने डिप्टी सीएम से बात की। माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा में पटियाली, कासगंज से विधायक ममतेश शाक्य, विधूना औरैया से विनय शाक्य, नीरज मौर्य, शेखुपुर बदायूं से धर्मेंद्र शाक्य सहित 6 से 7 मौजूदा विधायक जा सकते हैं।
बता दें कि यूपी में भाजपा को बड़ा झटका देते हुए योगी सरकार के श्रम, रोजगार और समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। सपा में शामिल हो गए। मौर्य ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इस्तीफा भेज दिया है। राजभवन के सूत्रों ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की।
स्वामी प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र की प्रति सोशल मीडिया पर मंगलवार दोपहर बाद तेजी से वायरल होने लगी। मौर्य ने राज्यपाल को संबोधित अपने त्यागपत्र में लिखा है, '' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।’’