जयललिता की योजना यूपी में लागू करेंगे योगी?, 17 शहरों में जल्द ही अन्नपूर्णा रसोई, 22.50 रुपए में भरपेट सस्ता और पौष्टिक खाना
By राजेंद्र कुमार | Updated: October 3, 2025 18:37 IST2025-10-03T18:35:51+5:302025-10-03T18:37:04+5:30
बरेली, अलीगढ़, गोरखपुर, फिरोजाबाद, झांसी, मुरादाबाद, मेरठ, मथुरा, सहारनपुर, अयोध्या और शाहजहांपुर में भी जल्दी ही अन्नपूर्णा रसोई की व्यवस्था की जाएगी.

file photo
लखनऊः आज से करीब 12 साल पहले तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता गरीबों और जरूरतमंदों को बहुत की कम कीमत पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के "अम्मा कैंटीन" की शुरुआत ही थी. इस अम्मा कैंटीन में लोगों को गर्म सांभर चावल और दही चावल, डोसा आदि खिलाया जाता था. वह भी पांच रुपए में. जे जयललिता की इस की इस योजना को ना केवल तमिलनाडु में पसंद किया गया. बल्कि यूपी के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड सकित देश के कई अन्य राज्यों में भी इस तरफ की योजना अपने राज्यों में शुरू की. उत्तराखंड में वर्ष 2015 में इंदिरा अम्मा भोजन योजना का शुभारम्भ किया था.
इस योजना के तहत 20 रुपए में चार रोटी, चावल, दाल-सब्जी, चटनी और आचार गरीब और जरूरतमंदों को खिलाया जाता था, लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार इस तरह की योजना शुरू करने में अभी तक संकोच करती रही थी, लेकिन अब सीएम योगी ने राज्य के 17 शहरों में ‘अन्नपूर्णा रसोई योजना’ शुरू करने का फैसला किया है.
इस अन्नपूर्णा रसोई में गरीबों को मात्र 22.50 रुपए में भरपेट, सस्ता और पौष्टिक खाना दिया जाएगा. सरकार का दावा है कि शहर में रहने वाले प्रवासी गरीबों का आर्थिक बोझ कम करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत जा रही है. नगर विकास विभाग ने इस साल शहरी इलाके में करीब दो करोड़ तीस लाख से ज्यादा लोगों को अन्नपूर्णा रसोई से भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है.
नगर विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य के 17 प्रमुख शहरों में अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरुआत की जाएगी. योजना के तहत पहले चरण में कानपुर, गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी, आगरा और प्रयागराज जैसे बड़े शहरों में 5-5 कैंटीन की खोली जाएंगी. जबकि बरेली, अलीगढ़, गोरखपुर, फिरोजाबाद, झांसी, मुरादाबाद, मेरठ, मथुरा, सहारनपुर, अयोध्या और शाहजहांपुर में भी जल्दी ही अन्नपूर्णा रसोई की व्यवस्था की जाएगी. हर अन्नपूर्णा रसोई को इस तरह से तैयार किया, ताकि इसमें हर दिन कम से कम 1000 थालियां तैयार की जा सके. यानी 1000 लोगों को दिनभर में भोजन कराया जा सके.
अन्नपूर्णा रसोई में मिलने वाली थाली में दाल, चावल, सब्जी, रोटी, आचार और एक मिठाई भी होगी. रसोई में भोजन स्वच्छ और हाइजीनिक तरीके से तैयार किया जाएगा. इस रसोई में करीब 12 लोग खाना बनाने और लोगों को खिलाने के लिए होंगे. हर रसोई पर होने वाला 50 प्रतिशत खर्च नगर विकास विभाग वहन करेगा, जबकि शेष 50 प्रतिशत नगर निगमों को देना होगा.
नगर विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर में रहने वाले प्रवासियों को ध्यान में रखकर इस योजना को राज्य के 17 प्रमुख शहरों में शुरू करने का फैसला किया गया है. इससे शहरी गरीबों को फायदा होगा. दो साल पहले निर्माणाधीन टाउनशिप में कार्यरत श्रमिकों को भोजन मुहैया कराने के लिए इस तरह की योजना प्रयोग के तौर पर शुरू की गई थी. इसके अच्छे परिणाम हासिल होने पर अब बड़े स्तर पर राज्य के 17 जिलों में अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू करने का फैसला किया गया है.
राज्य के नगर विकास मंत्री एके शर्मा का दावा है कि उस योजना का सबसे अधिक लाभ शहरी गरीबों को होगा. इन सभी कैंटीन को रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और शहर के व्यस्त बाजार में तैयार किया जाएगा, ताकि प्रवासी मजदूरों और दैनिक यात्री इन कैंटीन तक आसानी से पहुंच सकें.