लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मुलायम-अखिलेश के गढ़ में 2017 की तुलना में अपने प्रदर्शन में सुधार तो किया लेकिन इसके बावजूद वहां भी अधिकतर सीटें भाजपा के ही खाते में गईं।
तीसरे चरण की 59 सीटों को मुलायम-अखिलेश का गढ़ कहा जाता है और इस बार सपा 59 में से 15 सीटों पर कब्जा कर पाई है। वहीं, भाजपा ने 44 सीटों पर जीत हासिल की है।
हालांकि, साल 2017 की तुलना में सपा के प्रदर्शन में सुधार हुआ है क्योंकि तब भाजपा 59 में 49 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि इस बार उसके खाते में 44 सीटें गई हैं और 15 सीटों पर सपा ने कब्जा किया है।
अखिलेश ने भी इस बार इसी गढ़ की एक सीट करहल से चुनाव लड़कर जीत हासिल की है। वहीं, उन्होंने अपने चाचा शिवपाल यादवा को जसवंतनगर सीट से उतारा था जहां से उन्होंने बड़ी जीत हासिल की।
दरअसल, यादव परिवार का पैतृक गांव सैफई, करहल से कुछ 8 किलोमीटर दूर है। बहुत पहले जब सैफई एक छोटा सा गांव था, करहल इसका सबसे नजदीकी बाजार हुआ करता था।
यहां के आठ जिलों में 29 विधानसभा सीटें हैं जिन पर 25-35 फीसदी तक यादव हैं और 5 से 16 प्रतिशत तक मुसलमान हैं। 2012 में सपा ने यहां से 24 सीटें जीती थीं।
समाजवादी पार्टी को अपने गढ़ में जिन सीटों पर जीत मिली है उनमें सादाबाद, शिकोहाबाद, जसराना, सिरसागंज, पटियाली, करहल, जसवंतनगर, बिधूना, दिबियापुर, आर्य नगर, सीसामऊ, कानपुर छावनी, कालपी, किशनी और भरथना सीटें हैं।
वहीं, भाजपा ने सिकंदरराऊ, फिरोजाबाद, कासगंज, अमॉपुर, अलीगंज, एटाह, मारहरा, मैनपुरी, भोगॉव, अमृतपुर, फर्रुखाबाद, भोजपुर, छिबरामऊ, तिर्वा, इटावा, अकबरपुर-रानिया, सिकंदरा, भोगनीपुर, बिठूर, कल्याणपुर, गोविंदनगर, महराजपुर, माधौगढ़, झांसी नगर, गरौठा, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, चरखारी, हाथरस, टूंडला, जलेसर, कैम्पियरगंज, कायमगंज, कन्नौज, औरैया, रसूलाबाद, बिल्हौर, घाटमपुर, बबीना, मौरानीपुर, महरौनी और राठ सीट पर जीत हासिल की है।