लखनऊ:उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अचानक ही सूबे में नौकरियों की बाहर आ गई है। सरकार के स्तर से हर हफ्ते किसी ना किसी विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए ऐलान होने लगा गए हैं। सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए पेपर होने लग गए हैं और सरकारी नौकरी पाए लोगों को मुख्यमंत्री सीएम योगी के हाथों नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं।
इसके साथ ही प्राइवेट कंपनियों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए रोजगार मेले भी आयोजित किए जा रहे हैं। मिल्कीपुर, कटेहरी और मीरापुर में ऐसे तीन रोजगार मेलों का शुभारंभ बीते दस दिनों में हुआ है। जल्दी ही करहल, मझवां खैर और कुंदरकी में भी ऐसे रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे।
समाजवादी पार्टी (सपा) का आरोप है कि सूबे की योगी सरकार रोजगार मेले आयोजित कर युवाओं का वोट उपचुनाव में लेना चाहती है, इसलिए सीएम योगी उपचुनाव वाली विधानसभा सीटों पर रोजगार मेले आयोजित कर रहे हैं।
इसलिए आयोजित हो रहे रोजगार मेले :
सपा के प्रवक्ता सुनील साजन का कहना है कि बीते लोकसभा चुनावों में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे ने योगी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तगड़ा झटका लगा था। यही नहीं बढ़ी हुई महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी के चलते भाजपा के मंदिर मुद्दा भी बेअसर साबित हुआ।
यूपी में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मात्र 36 सीटों पर ही जीत हासिल हुई, जबकि सपा 37 सीटें और कांग्रेस छह सीटें जीतने में सफल हुई। विपक्षी को मिली इस जीत का श्रेय सूबे के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी दिया जा रहा है।
कहा जा रहा कि यूपी में 38 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं। सरकारी विभागों के खाली पदों को भरने में रुचि ना दिखाए जाने के कारण इन युवाओं के भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ वोट दिया। युवा के इस रुख का ही संज्ञान लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूबे की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार की जीत को सुनिश्चित करने के लिए रोजगार मेले आयोजित करने का फार्मूला तैयार किया।
हर जिले में आयोजित हो रोजगार मेले : सपा
इस फार्मूले के तहत ही सीएम योगी ने मिल्कीपुर, कटेहरी और मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में रोजगार मेले आयोजित किया और इन मेलों का शुभारंभ भी उन्होंने ने किया। इसके बाद अब 27 अगस्त को मैनपुरी के करहल, 28 अगस्त को अलीगढ़ के खैर, एक सितंबर को मिर्जापुर के मझवां और 2 सितंबर को मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में रोजगार मेला लगेगा।
इन मेलों का शुभारंभ भी सीएम योगी के हाथों होगा। सरकार का दावा है कि करहल और मझवां में 5-5 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा, जबकि खैर और कुंदरकी में 10-10 हजार युवाओं को नौकरी मिलेगी। इन रोजगार मेलों में 50 से अधिक मल्टीनेशनल कंपनियां हिस्सा लेंगी और साक्षात्कार यानी इंटरव्यू के बाद हाथों-हाथ जॉब ऑफर देंगी।
सरकार द्वारा किए जा रहे ऐसे दावों को लेकर ही यह कहा जा रहा है कि योगी सरकार प्राइवेट नौकरियां बांट कर अब उपचुनाव जीतने की सोच रही हैं। योगी सरकार के इस कदम को लेकर अब विपक्षी दलों के नेता सूबे के अन्य जिलों में भी ऐसे रोजगार मेले आयोजित करने की मांग कर रहे हैं।
सपा नेता सुनील साजन कहते हैं कि सूबे के हर जिले में हजारों युवा बेरोजगार हैं, उन्हें भी रोजगार मुहैया करने के लिए ऐसे मेले आयोजित किए जाने चाहिए, लेकिन सीएम योगी सिर्फ उन विधानसभा क्षेत्रों में रोजगार मेले आयोजित कर रहे हैं जहाँ जल्दी ही उपचुनाव होना है। जाहिर है कि यह रोजगार मेले युवाओं को लुभाने का योगी फार्मूला है। जिसकी जल्दी ही हवा निकल जाएगी।