कन्नौज, 28 अप्रैल। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद मेडिकल व्यवस्था शुरू से ही सवालों के घेरे में है। पहले ऑक्सिजन की कमी के चलते मासूमों की मौत फिर एंबुलेंस न मिलने पर मरीज द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर कंधे पर लेकर घूमने की खबर तो आप पढ़ चुके होंगे। लेकिन ताजा मामला एंबुलेंस से मरीज नहीं बल्कि माल ढुलाई का है।
ये सुनने में थोड़ा अजीब लगे लेकिन सच है। उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस का उपयोग मरीजों के लिए नहीं बल्कि माल ढुलाई के लिए किया जा रहा है। ये वाकया कहीं ओर का नहीं बल्कि कन्नौज का है जहां एंबुलेंस का उपयोग ट्रांसपोर्ट क तरह किया जा रहा है। इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि एंबुलेंस में मरीज नहीं बल्कि कुछ डिब्बे रखे हैं जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एंबुलेंस में ऑक्सीजन ना होने के कारण एक 45 वर्षीय व्यक्ति उमेश शर्मा की मौत हो गई थी। परिजनों ने 108 एम्बुलेंस पर लापरवाही और ड्राईवर पर बदतमीजी का आरोप लगाया था। साथ ही 108 नंबर के एंबुलेंस के हेल्पर ने ऑक्सीजन ना होने की बात भी स्वीकार की थी।
मामला सहारनपुर के थाना जनकपुरी इलाके के पुष्पांजलि विहार का था जहां पर रहने वाले उमेश शर्मा के परिवार ने उनकी हालत खराब होने पर 108 नंबर पर एंबुलेंस के लिए कॉल किया। कॉल करने के लगभग 20 से 25 मिनट बाद एंबुलेंस घर पर पहुंची। परिजनों ने एंबुलेंस चालक से पहले ही ऑक्सीजन होने की बात पूछी थी जिस पर ड्राइवर ने कहा था कि गाड़ी में ऑक्सीजन है।