मुंबई: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में नवगठित एकनाथ शिंदे सरकार में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले ग्रुप) के लिए मंत्री पद की मांग की। केंद्रीय मंत्री अठावले ने शुक्रवार को कहा कि चूंकि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया केंद्र की एनडीए सरकार में साझीदार है। इसलिए उनके पार्टी की स्वाभाविक तौर पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बनने वाली नई महाराष्ट्र सरकार में हिस्सेदारी बनती है।
इसके साथ ही अठावले ने यह भी कहा कि वह इस संबंध में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बात करेंगे। रामदास अठावले ने पत्रकारों से यह बात उस समय कही जब उन्हें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में में तीन साल के लिए सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया।
इस मौके पर अठावले ने कहा कि आरपीआई की बैठक में देश भर से 600 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सभी ने पूरी आस्था के साथ रामदास अठावले के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया।
रामदास अठावले की पार्टी का एक भी सदस्य महाराष्ट्र विधानसभा का सदस्य नहीं है, उसके बावजूद उन्होंने कहा कि चूंकि वो केंद्र में मोदी सरकार के साथ अहम घटक दल के रूप में जुड़े हुए हैं, इसलिए महाराष्ट्र की सत्ता में उनका भी नैतिक अधिकार बनता है। इसलिए शंदे सरकार अपने मंत्रीमंडल में एक आरपीआई नेता को मंत्री बनाए।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग जायज है, इसलिए इस विषय में भाजपा के शीर्ष नेतत्व से मिलकर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही रामदास अठावले ने महाराष्ट्र के सबसे विवादित आरे जंगल में बन रहे मेट्रोकाल शेड योजना का भी बचाव किया। उन्होंने कहा कि आरे मोट्रोकाल शेड बनने से मुंबई और तरक्की करेगा और इससे सभी लोगों का भला होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ पार्टियां और लोग पर्यावरण के नाम इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं, जो ठीक बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बनने से मुंबई के लोगों का जीवन ही आसान होगा। इसलिए वो लोग जो इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं, उन्हें विरोध छोड़कर सरकार का साथ देना चाहिए और लोगों की खुशहाली के लिए काम करना चाहिए।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी का स्वागत करते हुए कहा कि इससे महाराष्ट्र की जनता को बहुत राहत मिलेगी। लोगों की जिंदगी को सुविधाएं मिलेंगी तो महाराष्ट्र तरक्की करेगा और यहां पर और रोजगार पैदा होगा। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)