नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को लोगों से दो अगस्त से 15 अगस्त के बीच अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगा का इस्तेमाल ‘प्रोफाइल’ तस्वीर के तौर पर करने के लिए हर किसी को प्रेरित करने की अपील की। साथ ही उन्होंने लोगों से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में शामिल होने की गुजारिश की।
शाह की अपील, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यह कहने के बाद आई है कि आजादी का अमृत महोत्सव एक जनआंदोलन बन गया है और लोगों से दो से 15 अगस्त के बीच अपने सोशल मीडिया अकाउंट की ‘प्रोफाइल’ तस्वीर के रूप में तिरंगा को लगाने का आह्वान किया।
शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘तिरंगा देश को जोड़ने के साथ हमें राष्ट्र सेवा के लिए खुद को समर्पित करने हेतु प्रेरित करता है। आजादी के अमृत महोत्सव पर स्वतंत्रता सेनानियों की शौर्यगाथा का यशोगान करते हुए 13 से 15 अगस्त तक हर घर पर तिरंगा फहराने के लिए मोदी जी ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हर घर तिरंगा अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए आज नरेंद्र मोदी जी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सभी देशवासियों से 2 से 15 अगस्त तक अपने सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाइल तस्वीर के रूप में तिरंगा लगाने का आह्वान किया।’’ शाह ने कहा, ‘‘सभी अपनी ‘डीपी’ (डिस्प्ले पिक्चर) में तिरंगा लगाकर दूसरों को भी इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।’’
‘हर घर तिरंगा’ अभियान को जन आंदोलन में तब्दील करना चाहती है असम सरकार : हिमंत बिस्व सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार लोगों को स्वयं सहायता समूहों या उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) से राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए प्रोत्साहित करके ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को ‘जन आंदोलन’ में तब्दील करने की कोशिश कर रही है।
सरमा ने कहा कि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से रियायती दरों पर तिरंगे की आपूर्ति की जा रही है, हालांकि, ‘‘जो लोग इसे खरीदने में समर्थ हैं, उन्हें इसे स्वयं सहायता समूहों से खरीदना चाहिए’’, क्योंकि इससे उनकी कमाई में इजाफा होगा। सरमा ने यहां प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सरकार ने मुफ्त में राष्ट्रीय ध्वज उपलब्ध कराने से परहेज किया है।
हम ‘हर घर तिरंगा’ को एक जन आंदोलन बनाना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि जो लोग स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) या अन्य दुकानों से तिरंगा नहीं खरीद सकते, वे इसे उचित मूल्य की दुकानों से 18 रुपये में प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार ने कपड़ा मंत्रालय से 50 लाख झंडे खरीदे हैं और इन्हें उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से लोगों को उपलब्ध करा रही है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे झंडे थोड़े महंगे हैं। केवल वे लोग जो एसएचजी से खरीदारी नहीं कर सकते, वे उन्हें उचित मूल्य की दुकानों से प्राप्त कर सकते हैं।’’