उक्राँद आपदा संभावित गांवों के पुनर्वास के लिए आंदोलन करेगी
By भाषा | Published: September 2, 2021 08:58 PM2021-09-02T20:58:14+5:302021-09-02T20:58:14+5:30
उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी कि राज्य सरकार अगर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों के करीब 600 आपदा संभावित गांवों का जल्द पुनर्वास नहीं करती है तो वह इसके लिए आंदोलन छेड़ेगी । प्रदेश में अब तक बनी राज्य सरकारों पर मुद्दे की अनदेखी और लोगों के जीवन को जोखिम में डालने का आरोप लगाते हुए उक्रांद के अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि पार्टी की कार्यकारिणी अगले सप्ताह देहरादून में बैठक कर आंदोलन के कार्यक्रम को अंतिम रूप देगी । पिथौरागढ जिले के धारचूला क्षेत्र में बारिश से प्रभावित जुम्मा गांव का दौरा करने के बाद लौटे ऐरी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'आपदा की दृष्टि से संवेदनशील होने के बावजूद, राज्य सरकारें लंबे समय से पुनर्वास के मुद्दे की अनदेखी करती रही हैं जिसके कारण ग्रामीण हर साल त्रासदियों में मर रहे हैं ।' उन्होंने कहा, 'हमारे लिए हमारे लोगों का जीवन प्राथमिकता है । पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हमें आश्वासन दिया था कि सभी आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी लेकिन कुछ भी नहीं किया गया ।' पृथक राज्य के लिए आंदोलन की शुरूआत करने वाली उक्रांद के वरिष्ठ नेताओं में से एक ऐरी ने यह भी सुझाव दिया कि आपदा के लिए संवेदनशील गांवों को तराई क्षेत्र या मैदानी क्षेत्रों में वन भूमि पर पुनर्वासित किया जाना चाहिए और इसके बदले में खाली होने वाले गांवों की भूमि वन विभाग को दे दी जानी चाहिए।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।