यवतमाल: शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली मौजूदा एनडीए सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इस वक्त गद्दार और असहाय लोगों के हाथों में महाराष्ट्र है, लेकिन ये ज्यादा समय तक नहीं चलेगा।
उद्धव ठाकरे ने रविवार को यवतमाल में आयोजित एक सार्वजनिक रैली को कहा, "आज के दौर में राजनीति का स्तर काफी गिर गया है। यही कारण है कि आज की तारीख में गद्दार और असहाय लोग मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।"
ठाकरे ने मध्य प्रदेश के भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि एक तरफ तो पीएम मोदी कहते हैं कि एनसीपी 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल है, वहीं अब जिन लोगों के उपर वो आरोप लगा रहे हैं, उन्हीं के साथ फोटो खिंचवाएंगे। ये कितना आश्चर्यजनक है लेकिन यही सच है।
उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया था कि एनसीपी 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थी। अब तो वही लोग भाजपा के पक्ष में हैं। मोदी जी की तस्वीरों में अब 70,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने वालों साथ दिखाई देंगे। क्या ऐसा होता है हिंदुत्व? क्या आपको यह सही लगता है?”
उद्धव ठाकरे ने मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी की 'चुप्पी' को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब वह मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे तो उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फैली अशांति और हिंसा के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "पीएम मोदी भोपाल में चुनाव प्रचार कर रहे थे, लेकिन मणिपुर का दौरा नहीं किया। उन्होंने मणिपुर पर एक शब्द नहीं बोला। अगर उनमें इतनी ही हिम्मत है तो मणिपुर में भेजें ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स को। जो लोग मणिपुर को जला रहे हैं, वे अपने आप भाजपा में शामिल हो जाएंगे।"
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) को सीएम शिंदे द्वारा ठाकरे को शुक्रवार उस समय एक और झटका लगा, जब महाराष्ट्र विधान परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष नीलम गोरे मुंबई में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गईं। शिवसेना (यूबीटी) एमएलसी सदस्य निलम गोरे ने सीएम शिंदे और डिप्टी देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में ठाकरे विरोधी गुट में शामिल हो गईं।
इससे पूर्व 3 जुलाई को महाराष्ट्र की सियासत में एक और चौंकाने वाले मोड़ आया, जब एनसीपी नेता अजीत पवार और छगन भुजबल समेत 6 एनसीपी विधायकों ने शरद पवार से बगावत करते हुए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए।
इससे पहले बीते साल महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे ने अविभाजित शिवसेना में ठाकरे का तख्तापलट दिया था और भाजपा के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली थी।