मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की सोच को वैज्ञानिक बताते हुए उनके राष्ट्रवाद को निष्ठावान बताते हुए प्रेरणा लेने की बात कही। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह बात शनिवार को वीर सावरकर की 139वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कही।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने वीर सावरकर को बहुआयामी व्यक्तित्व का मालिक बताते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रवाद की चेतना के लिए जितना सावरकर ने किया, उसके लिए भारतीय समाज उनका सदैव ऋणी रहेगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विनायक दामोदर सावरकर एक मझे हुए साहित्यकार, ओजस्वी वक्ता और अच्छे संगठनकर्ता भी थे, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ युद्ध छेड़ा था। बताया जा रहा है कि वीर सावरकर की जयंती पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने आधिकारिक बंगला 'वर्षा' में उनके चित्र पर माल्यार्पण भी किया।
लेकिन इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि उद्धव ठाकरे जिन दो दलों कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार चला रहे हैं, वो सावरकर की जयंती पर एकदम खामोश रहेस क्योंकि महाराष्ट्र में शिवसेना का साथ देने वाले दोनों दलों की विचारधारा सावरकर की विचारधारा से मेल नहीं खाती है।
शायद यही कारण था कि पूर्व में शिवसेना जिस भव्य तरीके से वीर सावरकर की जयंती मनाती थी, इस साल उसने उस तरह से इसका आयोजन नहीं किया। वहीं इस मामले में विपक्षी दल भाजपा ने शिवसेना पर तंज कसते हुए कहा कि सत्ता के मोह में उद्धव ठाकरे ने वीर सावरकर की विचारधारा को तिलांजलि दे दी।
वहीं शिवसेना का इस मामले में कहना है कि भाजपा केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करती है, शिवसेना सावरकर का सम्मान करती थी, करती है और आगे भी करती रहेगी। लेकिन भाजपा को इस तरह की छद्म राजनीति से बचना चाहिए, जो उसे शोभा नहीं देती है।
मालूम हो कि वीर सावरक के जयंती पर भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र समेत पूरे देश में वीर सावरकर की जयंती बड़े ही धूमधाम से मना रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत सही केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के सभी सीएम सहित प्रदेश संगठन भी वीर सावरकर को पूरी शिद्दत से याद करते हुए उनके लिए ट्वीट करके उन्हें नमन कर रहे हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)