भोपाल: संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल परीक्षा के परिणाम मंगलवार को घोषित हुए। यह भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है। मध्य प्रदेश की दो लड़कियों का यूपीएसकी का रिजल्ट भी घोषित हुआ। लेकिन हैरानी की बात इसमें यह है कि दोनों उम्मीदवार का वही पहला नाम, वही रोल नंबर और वही रैंक है।
देवास जिले की 23 वर्षीय आयशा फातिमा और अलीराजपुर जिले की 26 वर्षीय आयशा मकरानी दोनों का कहना है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 184वीं रैंक हासिल की, जो संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरशाहों की भर्ती के लिए आयोजित की जाती है। लगभग 200 किलोमीटर दूर रहने वाली दोनों महिलाओं ने अपने दावों के समर्थन में एक ही रोल नंबर वाले एडमिट कार्ड पेश किए हैं।
उन्होंने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए और स्पष्टीकरण मांगते हुए स्थानीय पुलिस और यूपीएससी के पास भी शिकायत दर्ज की है। मकरानी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैंने दो साल तक कड़ी मेहनत की है और मैं किसी और को अपना अधिकार नहीं लेने दूंगी।" मैं यूपीएससी और सरकार से न्याय चाहती हूं।
वहीं फातिमा ने कहा कि वह यह जानकर चौंक गईं कि किसी और के पास वही रोल नंबर है जो उनके पास है। उन्होंने कहा, "मैं देखूंगी कि इस तरह की धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिए, जो भी ज्ञापन या कुछ भी देना होगा, मैं आगे देखूंगी।" उनके एडमिट कार्ड पर करीब से नजर डालने पर और अधिक विसंगतियां सामने आती हैं। मकरानी के कार्ड में व्यक्तित्व परीक्षण (पर्सनाल्टी टेस्ट) की तारीख का उल्लेख 25 अप्रैल, 2023, दिन गुरुवार है। जबकि फातिमा का कार्ड उसी तारीख को दिखाता है लेकिन दिन को मंगलवार है है। कैलेंडर के अनुसार 25 अप्रैल 2023 को मंगलवार का दिन था।
इसके अलावा, सुश्री फातिमा के कार्ड में क्यूआर कोड के साथ यूपीएससी का वॉटरमार्क है, जबकि सुश्री मकरानी का कार्ड बिना किसी क्यूआर कोड के सादे कागज पर प्रिंटआउट जैसा दिखता है। वहीं यूपीएससी के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने आवश्यक सुधार किए और फातिमा सही उम्मीदवार है। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस बात की जांच करेंगे कि ऐसी त्रुटि कैसे हुई।