आज मुंबई के धरावी में कोरोना संक्रमण के 21 नए मामले आए सामने, यहां कुल संक्रमितों की संख्या हुई 241
By अनुराग आनंद | Published: April 25, 2020 06:59 PM2020-04-25T18:59:01+5:302020-04-25T18:59:01+5:30
राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाऊन को आज (शनिवार) 32 दिन पूरे हो चुके हैं.
मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके धरावी में आज (शनिवार) कोरोना संक्रमण के 21 नए मामले सामने आने के बाद अब धरावी इलाके के कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 241 हो गई है.
इस इलाके के कुल 14 कोरोना संक्रमित लोगों की अब तक मौत भी हो गई है. घनी आबादी व संकरी गली में रहने वाले गरीब लोगों में जागरूकता के अभाव की वजह से इस क्षेत्र में रहने वाली आबादी के बीच कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
21 new #COVID19 positive cases reported in Dharavi today; the total number of positive cases in Dharavi is now 241 including 14 deaths: Brihanmumbai Municipal Corporation. #Mumbaipic.twitter.com/2YIdOBkJqS
— ANI (@ANI) April 25, 2020
राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाऊन को आज (शनिवार) 32 दिन पूरे हो चुके हैं. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से पहले ही कर्फ्यू लागू कर दिया था. देश में सबसे ज्यादा मरीज होने के बावजूद यही कहा जा सकता है कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है. यदि लॉकडाऊन नहीं होता तो स्थिति काफी भयावह हो सकती थी, जिसका अनुमान लगाया नहीं जा सकता. मौजूदा समय में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, राज्य में कुल 6817 संक्रमित हैं. जिसमें से मुंबई, ठाणे और उपनगरीय परिसर में कुल मिलाकर 5 हजार से अधिक संक्रमित हैं.
जिसे प्रतिशत में समझें तो राज्य के 77.50% मरीज यहीं है. इसी तरह पुणे के कुल 913 संक्रमितों का प्रतिशत 14.20% है. मतलब साफ है कि राज्य के 91.70% मरीज मुंबई-पुणे में थे. एक और गणना की जाए तो पता चलता है कि देश के कुल मरीजों में से 25.60 फीसदी मरीज मुंबई-पुणे में हैं. रही बात मुंबई-पुणे की तो यही कहा जा सकता है कि यहां सबसे ज्यादा मरीज होने के अपने कारण हैं, जिन पर गौर फरमाना जरूरी है. इसमें कोई संदेह नहीं कि देश में सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति महाराष्ट्र की है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसके कुछ कारण हैं.
देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले प्रमुख 8 शहरों में से दो शहर महाराष्ट्र में हैं. देश की व्यावसायिक राजधानी मुंबई सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित होती हैं. चूंकि कोरोना वाइरस बाहर से यहां आया है, तो स्वाभाविक है कि सबसे ज्यादा कोरोना वाहक भी महाराष्ट्र में ही आए हैं. राज्य में कोरोना का पहला मरीज 9 मार्च को मिल गया था. राज्य सरकार उसी समय हरकत में आ गई थी. लेकिन विदेशों से आने वाले लोगों को घरों में रखने के बजाय संस्थात्मक क्वारंटाइन रखा जाता, तो स्थिति काफी बेहतर होती. ये भी बड़े कारण - व्यावसायिक, पर्यटन और शैक्षिक कारणों के चलते विदेशों में जाने वालों की संख्या सर्वाधिक - फरवरी के अंत में और मार्च के आरंभ में विदेशों से सबसे ज्यादा लौटने वाले मुंबई और पुणे के थे.