नई दिल्ली: विपक्ष संसद के मॉनसून सत्र से पहले जारी एक आदेश को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है। राज्यसभा महासचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संसद भवन के परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा। इसके अलावा वहां किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन भी नहीं हो सकता है। इस फैसले को लेकर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि क्यों न केवल गांधी की प्रतिमा को परिसर से हटा दिया जाए और अनुच्छेद 19 (1) को मिटा दिया जाए। महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, "संसद भवन से गांधी जी की प्रतिमा को ही क्यों नहीं हटा देते? और संविधान के अनुच्छेद 19(1) को मिटा दो।" एक अन्य ट्वीट में मोइत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ चार दिन पहले नए संसद भवन के ऊपर एक धार्मिक समारोह किया।
बता दें कि लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नई पुस्तिका के अनुसार, ऐसे शब्दों के प्रयोग को "गैरकानूनी आचरण" माना जाएगा और यह सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगा। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द, 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों का एक नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें असंसदीय अभिव्यक्तियों की श्रेणी में रखा गया है।
18 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के उपयोग के लिए जारी इस संकलन में ऐसे शब्द या वाक्य शामिल हैं जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था।
इसके अनुसार जो शब्द असंसदीय शब्दों, वाक्यों या अभद्र भावों की श्रेणी में आते हैं उनमें कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, दोहरा चरित्र, बेकार, नौटंकी, ढोल बजाना, बहरा सरकार, चिलम लेना, छोकारा, कोयला चोर, गोरू शामिल हैं। चोर चरस पीते हैं, बैल, खालिस्तानी, विनाश के आदमी, तानाशाह, तानाशाह, अराजकतावादी, देशद्रोही भी असंसदीय शब्दों में शामिल हैं।