"वो किसान हैं, अपराधी नहीं, उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता", 'भारत रत्न' एमएस स्वामीनाथन की बेटी ने किसानों को 'अन्नदाता' बताते हुए कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 14, 2024 11:50 AM2024-02-14T11:50:47+5:302024-02-14T11:55:20+5:30
'भारत रत्न' से सम्मानिक किये गये महान कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की बेटी मधुरा स्वामीनाथन ने किसानों के विरोध -प्रदर्शन पर पुलिस बल प्रयोग की बेहद कड़ी निंदा की है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा 'भारत रत्न' से सम्मानित किये गये महान कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की बेटी मधुरा स्वामीनाथन ने दिल्ली में चल रहे किसानों के विरोध -प्रदर्शन पर पुलिस बल के प्रयोग की निंदा करते हुए बीते मंगलवार को कहा कि किसान इस देश के "अन्नदाता" हैं और उनके साथ अपराधियों की तरह व्यवहार नहीं किया जा सकता है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार किसानों के विरोध पर हरियाणा सरकार की उग्र प्रतिक्रिया से बेहद नाराज मधुरा स्वामीनाथन ने अपने पिता एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने पर दिल्ली स्थित पूसा के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि एमएस स्वामीनाथन का सम्मान करन के लिए किसानों को साथ लेने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “पंजाब के किसान आज दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। अखबारों की रिपोर्ट के अनुसार मेरा मानना है कि हरियाणा में उनके लिए जेलें तैयार की जा रही हैं, बैरिकेडिंग की जा रही है, उन्हें रोकने के लिए हर तरह की चीजें की जा रही हैं। ये किसान हैं, ये अपराधी नहीं हैं।”
मधुरा स्वामीनाथन ने कहा, ''मैं यहां मौजूद भारत के सभी प्रमुख वैज्ञानिकों से अनुरोध करती हूं कि हमें अपने अन्नदाताओं से बात करनी होगी। हम उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं कर सकते हैं। हमें उनकी मांगों का समाधान ढूंढना होगा। यह मेरा अनुरोध है और मुझे लगता है कि अगर हमें एमएस स्वामीनाथन की सोच को जारी रखना चाहते हैं और उनका सम्मान करना चाहते हैं तो हमें भविष्य के लिए जो भी रणनीति बने, उसमें किसानों को अपने साथ लेना होगा।"
मालूम हो कि किसानों ने अपनी मांग को लेकर केंद्रीय मंत्रियों की टीम के साथ हुई बेनतीजा बैठक के बाद बीते मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने किसानों के दिल्ली जाने के दृढ़ संकल्प की घोषणा की, जिससे उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए केंद्र की ओर से किये जा रहे प्रयास तेज कर दिये गये हैं।
किसानों की मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन का प्रावधान, कृषि ऋण माफ करना, पुलिस मामलों का समाधान, पीड़ितों के लिए न्याय सहित विभिन्न मुद्दे शामिल हैं। इसके साथ लखीमपुर खीरी हिंसा, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली, विश्व व्यापार संगठन से वापसी, पिछले विरोध प्रदर्शनों में मृत किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा की मांग कर रहे हैं।