कोविड-19 मामलों में वृद्धि को देखते हुए कुंभ मेले के आयोजन की कोई जरूरत नहीं थी: शांता कुमार
By भाषा | Updated: April 17, 2021 18:56 IST2021-04-17T18:56:21+5:302021-04-17T18:56:21+5:30

कोविड-19 मामलों में वृद्धि को देखते हुए कुंभ मेले के आयोजन की कोई जरूरत नहीं थी: शांता कुमार
धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश), 17 अप्रैल हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने शनिवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि के चलते हालात बदतर हो रहे हैं और ऐसे समय में कुंभ मेले का आयोजन नहीं किया जाना चाहिये था।
उन्होंने यहां एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इस बार सरकार और राजनीतिक नेता बिगड़ते हालात के लिये काफी हद तक जिम्मेदार हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता कुमार ने कहा, ''बीते 15 दिन में पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस रोगियों की संख्या में पांच गुणा वृद्धि हुई है। दूसरे राज्य जहां चुनाव हुए हैं, वहां भी ऐसे ही हालात हैं। ''
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ''हमारे शास्त्रों में लिखा है, 'आपात काले, मर्यादा नास्ती', जिसका अर्थ है कि जब जान दांव पर लगी हो, तो सारे नियम तोड़े जा सकते हैं। आज के हालात में इस कुंभ मेले के आयोजन की बिल्कुल जरूरत नहीं थी, जहां हजारों लोग स्नान कर रहे हैं। ''
सिंह ने कहा, ''मंदिरों में भी भीड़ लगी है। इन हालत में बीमारी पैर पसार रही है। भगवान हर जगह है। हमारे घरों में भी है, जहां हम पूजा कर सकते हैं। अगर सभी तरह के धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रम रोक दिये गए होते, तो अनेक लोगों को इस घातक बीमारी से बचाया जा सकता था।''
शांता कुमार ने कहा कि जहां तक संभव हो, आर्थिक गतिविधियां जारी रहनी चाहिये, लेकिन इसके अतिरिक्त सभी तरह के धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगनी चाहिये।
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