मुंबई: महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार को मजबूत बताते हुए कहा कि भाजपा और शिवसेना के बीच किसी भी तरह के 'अंडर टेबल डील' के लिए अब कोई जगह नहीं बची है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में इस बारे में विस्तार से लिखते हुए राउत बताते हैं कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 23 जनवरी को शिव सैनिकों से बातचीत में स्पष्ट कर दिया था कि जब उनकी तबियत खराब चल रही थी तो उस समय भाजपा के लोग उनका उपहास कर रहे थे।
सीएम ठाकरे ने भाजपा के हिंदुत्व को 'पाखंड' और 'दोहरे चरित्र' वाला बताया। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन करके अपनी सबसे बुरी हालत कर ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र का भविष्य शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस से मिलकर बने महा विकास अघाड़ी में है।
सूबे की सियासी हल्कों में चल रही शिवसेना और बीजेपी के बीच 'अंडर द टेबल डील' की बात महज अफवाह है और इन अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है।
राउत ने अपने कॉलम में देवेंद्र फडणवीस के उस दावे पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें फडनवीस ने कहा था कि शिवसेना जब भाजपा के साथ गठबंधन में थी, तब वह राजनीतिक रूप से और परिपक्व हुई।
राउत कहते हैं कि ठाकरे ने अपने भाषण से साफ बता दिया है कि राज्य की राजनीति में किसी भी तरह के भ्रम की कोई जगह नहीं है।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने लिखा है कि देवेंद्र फडणवीस का बयान बेमानी है और शिवसेना-भाजपा के बीच किसी तरह के डील की कोई संभावना नहीं है।
यही नहीं संजय राउत ने कटाक्ष करते हुए कहा, जब साल 2019 के चुनाव के बाद बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद पर समझौता करने से मना कर दिया था। क्योंकि उस समय भाजपा सीधे राज्यपाल के संपर्क में थी। जब भाजपा ने कोई सूरत नहीं छोड़ी उसके बाद हमने राज्य में सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था।
राउत ने अपने लेख में पूर्व सीएम फडणवीस के 'राजनीतिक रूप से और परिपक्व' वाले बयान पर चुटकी लेते हुए कहा शिवसेना का गठन साल 1966 में हुआ और बीजेपी साल 1980 में पैदा हुई है। भाजपा की क्या बात करते हैं उसकी पूर्ववर्ती जनसंघ ने भी कभी संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में भाग नहीं लिया है।
इसके अलावा संजय राउत ने अपने लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यंग्य करते हुए लिखा है कि मोदी ने भारतीय राजनीति को एक इवेंट में बदल दिया है, जबकि पूरी दुनिया में कहीं ऐसा नहीं होता है।