नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा के चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से ईवीएम, मतदाता सूची से मतदातों के नाम हटाने जैसे विपक्षी पार्टियों की प्रमुख चिंताओं का जवाब दिया। उन्होंने कहा, "...कुछ प्रकार की चिंताएँ (राजनीतिक दलों द्वारा) उठाई गई थीं। कहा गया कि मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़े और हटाए गए हैं... यह भी कहा गया कि कुछ समूहों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके नाम हटा दिए गए हैं। ईवीएम के बारे में जवाब देने के बाद भी - यह कहा गया कि ईवीएम में हेरफेर किया जा सकता है..."
कुमार ने कहा, "भारतीय मतदाता बेहद जागरूक हैं... मतदाता सूचियों को लेकर अब भी कहानियां चल रही हैं। करीब 70 चरण हैं... जिसमें राजनीतिक दल और उम्मीदवार हमारे साथ रहते हैं... जितने भी दावे और आपत्तियां आती हैं - उन्हें सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाता है। फॉर्म 7 के बिना नाम नहीं हटाया जा सकता।"
उन्होंने, "ईवीएम में अविश्वसनीयता या किसी तरह की खामी का कोई सबूत नहीं है... ईवीएम में वायरस या बग आने का कोई सवाल ही नहीं है। ईवीएम में अवैध वोट होने का कोई सवाल ही नहीं है। कोई धांधली संभव नहीं है। उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय अलग-अलग फैसलों में लगातार यही कह रहे हैं... और क्या कहा जा सकता है? ईवीएम मतगणना के लिए फुलप्रूफ डिवाइस है। छेड़छाड़ के आरोप बेबुनियाद हैं। हम अभी बोल रहे हैं क्योंकि चुनाव के समय हम नहीं बोलते।"
उन्होंने कहा, "...मतदाता मतदान प्रतिशत को बदलना असंभव है...कुछ मतदान दल आधी रात या अगले दिन रिपोर्ट देते हैं। मतगणना से पहले फॉर्म 17सी का मिलान किया जाता है। ऐसा कुछ भी नहीं है जो वीटीआर स्पष्ट न करे। यह पूरी तरह से स्पष्ट करता है।"
बता दें कि 70 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है और नए सदन के गठन के लिए उससे पहले चुनाव होने हैं। राष्ट्रीय राजधानी में पारंपरिक रूप से एक ही चरण में विधानसभा चुनाव होते रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आम आदमी पार्टी (आप) लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए जोर लगा रही है, जबकि भाजपा ने बाजी पलटने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस भी इस लड़ाई में है, जो अकेले चुनाव लड़ रही है और भाजपा और आप दोनों को निशाना बना रही है, जो 2024 के लोकसभा चुनावों में उसकी सहयोगी थी।