लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में एक तरफ हार के कारणों की समीक्षा हो रही हैं तो दूसरी तरफ योगी सरकार के लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) मंत्री जितिन प्रसाद तथा राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान बाल्मीकि के इस्तीफा देने से खाली हुए मंत्री पद पर काबिज होने के लिए दौड़-भाग शुरू हो गई है. पार्टी के तमाम नेता योगी सरकार में खाली हुए इन मंत्री पदों पर मंत्री बनने के लिए अपना बायोडाटा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेजने में लग गए हैं.
कुछ नेता तो सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हे मौका देने का आग्रह भी कर आए हैं. इसके अलावा दो नेता ऐसे भी हैं जो जितिन प्रसाद के विधान परिषद सदस्य के पद से दिए गए इस्तीफे से रिक्त हुए स्थान पर एमएलसी बनाने के लिए अपनी गोट फिट करने में जुटे हैं. ये दोनों नेता पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ में प्रमुख दायित्व निभा रहे हैं.
दोनों ही ब्राह्मण है और चाहते हैं कि जितिन प्रसाद के इस्तीफे से रिक्त हुई एमएलसी सीट पर उन्हें नामित करने के पहल सरकार के स्तर से की जाए.
मंत्री बनाने के इच्छुक भाजपा नेता
यूपी के भाजपा खेमे में ये राजनीतिक हलचल योगी सरकार के लोक निर्माण मंत्री (पीडब्ल्यूडी) मंत्री जितिन प्रसाद ने सांसद बनने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से शुरू हुई है. जितिन प्रसाद को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. जितिन प्रसाद जब कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने नामित कोटे से विधान परिषद में एमएलसी बनाया था. जितिन प्रसाद ने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है.
ऐसे में अब पीडब्ल्यूडी मंत्री बनने के लिए योगी सरकार के ही कई मंत्री अंदर खाने में अपनी गोटी फिट करने में जुट गए हैं. चर्चा है कि पीडब्ल्यूडी मंत्री पद के लिए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश अध्यक्ष यूपी भूपेंद्र चौधरी का नाम सबसे आगे चल रहा है. यह तीनों नेता टीम योगी में शामिल हैं. इसके अलावा टीम योगी के एक और प्रमुख नेता सहकारिता मंत्री जेपीएससी राठौर हैं.
इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के जेपीएससी राठौर भी चाहते हैं कि वह यूपी के भारी भरकम विभाग के मंत्री बने. लेकिन केंद्र सरकार एक शीर्ष नेता यह चाहते हैं कि जितिन प्रसाद के स्थान पर किसी ब्राह्मण विधायक को ही पीडब्ल्यूडी मंत्री बनाया जाए और किसी ब्राह्मण को ही नामित एमएलसी बनाया जाए. जबकि राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि के स्थान पर उनकी की कास्ट के किसी विधायक को मंत्री बनाया जाए.
उनकी कास्ट के कई विधायक भी अब मंत्री बनाने के लिए व्याकुल होकर दौड़-भाग करने लगे हैं. इस तरह की राय के बीच अब सूबे में भाजपा के तमाम नेता योगी सरकार में मंत्री बनाने के लिए अपनी-अपनी पैरवी पार्टी के शीर्ष नेताओं से करने में जुटे हैं.