वर्ष 2020: बॉलीवुड की चमक रही फीकी, विवादों के साये में गुजरा साल

By भाषा | Updated: December 30, 2020 20:35 IST2020-12-30T20:35:41+5:302020-12-30T20:35:41+5:30

The year 2020: Bollywood shines brightly, years passed in the shadow of controversy | वर्ष 2020: बॉलीवुड की चमक रही फीकी, विवादों के साये में गुजरा साल

वर्ष 2020: बॉलीवुड की चमक रही फीकी, विवादों के साये में गुजरा साल

(जस्टिन राव)

मुंबई, 30 दिसंबर अपनी चमक-दमक के लिए पहचाना जाने वाला बॉलीवुड वर्ष 2020 में विवादों से घिरा रहा। कोरोना वायरस महामारी के कारण फिल्में तो नहीं बन सकीं लेकिन फिर भी फिल्म उद्योग से जुड़े तमाम लोग सुर्खियों में छाए रहे।

हमेशा से लोगों को लुभाने वाले बॉलीवुड को मादक पदार्थ के मामलों को लेकर जनता की आलोचना का सामना भी करना पड़ा। साथ ही अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के दुख से भी बॉलीवुड पूरी तरह उबर नहीं सका।

वर्ष 2020 की शुरुआत में ही अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू दौरे, फिर सुशांत सिंह राजपूत की मौत और इसके बाद अभिनेत्री कंगना रनौत तथा महाराष्ट्र सरकार के बीच तनातनी के चलते बॉलीवुड राजनीतिक गहमागहमी का अखाड़ा बना रहा।

कोरोना वायरस महामारी के चलते कोई नई फिल्म नहीं बन सकी क्योंकि फिल्म निर्माण थमा रहा और सिनेमा हॉल भी बंद रहे। हालांकि, हिंदी फिल्म उद्योग और इसके सितारे लगातार सुर्खियों में बने, जिसके चलते कई विवादास्पद बातें सामने आती रहीं।

अपनी खराब होती छवि के बीच बॉलीवुड किसी बड़े सहयोग की आस में रहा। अभिनेत्री एवं सांसद जया बच्चन ने राज्यसभा में फिल्म उद्योग की नकारात्मक छवि पेश करने का आरोप लगाया और इस मनोरंजन उद्योग को ''गटर'' करार देने वालों से पूरी तरह असहमति जताई।

इस वर्ष की शुरुआत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच केद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पांच जनवरी को इस विवादास्पद कानून को लेकर बॉलीवुड की हस्तियों के साथ चर्चा की।

वहीं, फिल्म उद्योग से जुड़े अनुराग कश्यप और जोया अख्तर ने सीएए के विरोध में जारी धरना-प्रदर्शन में भाग लिया।

इसके अगले ही दिन सभी को चौंकाते हुए अभिनेत्री दीपिका पादुकोण दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर पहुंची और नकाबपोश भीड़ के हमले का शिकार हुए छात्रों के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। हालांकि, उन्होंने इस दौरान कोई बयानबाजी नहीं की लेकिन फिर भी इस कदम के चलते उनकी फिल्म ''छपाक'' के बहिष्कार का कथित आह्वान किया गया। सीएए के विरोध और समर्थन को लेकर बॉलीवुड दो खेमों में बंटा नजर आया।

इसके बाद सुशांत सिंह राजपूत का शव 14 जून को उनके बांद्रा स्थित फ्लैट में लटकता पाया गया। इस मौत ने पूरे बॉलीवुड को झकझोर कर रख दिया और फिल्म उद्योग वंशवाद और शक्ति वर्चस्व को लेकर जबरदस्त बहस में घिर गया।

तमाम लोगों और यहां तक की बॉलीवुड की कुछ हस्तियों ने माना कि कथित तौर पर बाहरी होने के चलते राजपूत को निशाना बनाया गया।

राजपूत की मौत के सिलसिले में मुंबई पुलिस की जांच के घेरे में कई हस्तियां आईं, जिनमें राजपूत की गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती, यशराज फिल्म्स के आदित्य चोपड़ा, फिल्मकार संजय लीला भंसाली आदि प्रमुख रहे।

इस पूरे मामले ने बाद में उस समय राजनीतिक रंग ले लिया, जब राजपूत के पिता केके सिंह ने 25 जुलाई को रिया और उसके परिवार वालों के खिलाफ पटना में प्राथमिकी दर्ज कराई।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की और फिर महाराष्ट्र और बिहार राज्य सरकारों के बीच जुबानी जंग जारी रही।

सुशांत की मौत के मामले की जांच के दौरान बॉलीवुड के कथित तौर पर नशे की चपेट में होने के मामले भी सामने आए। राष्ट्रीय स्वापक नियंत्रण ब्यूरो इस मामले की जांच में जुटा है। मादक पदार्थ मामले में दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर और रकुल प्रीत सिंह समेत कई बॉलीवुड हस्तियों से पूछताछ की जा चुकी है।

इस बीच, प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया ने बॉलीवुड को लेकर किए जा रहे कवरेज पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक बयान भी जारी किया था, जिसमें अभिनेता-अभिनेत्रियों को निशाना बनाने को लेकर नाराजगी जताई गई थी।

बात यहीं नहीं रूकी। अभिनेता सलमान खान, आमिर खान, शाहरूख खान, करण जौहर और अक्षय कुमार जैसी बड़ी हस्तियों के एक समूह ने दो टीवी चैनलों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया। इन हस्तियों ने अपनी याचिका में बॉलीवुड की छवि खराब करने का आरोप लगाया था। अदालत से सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर कथित मानहानि करने वाली टिप्पणियों के प्रसारण पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।

इस पूरे विवाद के बीच उस समय नया मोड़ आ गया, जब ''सुशांत के लिए इंसाफ'' अभियान को अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपना समर्थन दिया। रनौत ने फिल्म उद्योग के एक वर्ग पर मादक पदार्थ की गिरफ्त में होने का आरोप भी लगाया। वह इतने पर ही नहीं रूकीं और उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी सरकार की भी खुली आलोचना की।

रनौत ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से कर डाली और कहा कि उन्हें मुंबई की पुलिस से डर लगता है। इस बीच, कंगना के बयान को लेकर जारी राजनीतिक उठापटक के बीच उन्हें वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई।

वहीं, कुछ दिन बाद शिवेसना नीत बृह्नमुंबई महानगर पालिका ने रनौत के बंगले में कथित अवैध निर्माण को लेकर तोड़-फोड़ की कार्रवाई की। इसको लेकर विवाद और गहराता चला गया तथा मामला अदालती कार्यवाही तक जा पहुंचा।

उधर, हाल ही में लागू तीन नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के विरोध-प्रदर्शन का पंजाबी अभिनेता दिलजीत दोसांझ, गुरु रंधावा और गुरदास मान ने समर्थन जताया।

वहीं, रनौत ने कानूनों को किसानों के हित में करार दिया, जिसको लेकर दोसांझ और रनौत के बीच ट्विटर पर जमकर बहस हुई।

देश में बॉलीवुड को लेकर जारी बहस के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर में प्रदेश में फिल्म सिटी स्थापित किए जाने की महत्वाकांक्षी योजना पेश की। वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने दावा किया कि मुंबई की फिल्म सिटी को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करना इतना आसान काम नहीं है।

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Web Title: The year 2020: Bollywood shines brightly, years passed in the shadow of controversy

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