केन्द्रीय बजट गैर-भाजपा शासित राज्यों को दरकिनार करने के उसके प्रयासों को दर्शाता है: अमरिंदर सिंह
By भाषा | Updated: February 2, 2021 00:03 IST2021-02-02T00:03:40+5:302021-02-02T00:03:40+5:30

केन्द्रीय बजट गैर-भाजपा शासित राज्यों को दरकिनार करने के उसके प्रयासों को दर्शाता है: अमरिंदर सिंह
चंडीगढ़, एक फरवरी पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को केन्द्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह गैर-भाजपा शासित राज्यों को दरकिनार करने के केन्द्र के ‘‘प्रयासों’’ को दर्शाता है।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी बजट को ‘‘जन विरोधी’ बताते हुए केन्द्र सरकार पर राष्ट्रीय संपदा को कॉरपोरेट के हाथों बेचने का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज ही लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 का वार्षिक बजट पेश किया।
अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि बजट में ‘‘आम जनता, मध्यमवर्ग और किसानों के प्रति भाजपा नीत केन्द्र सरकार की बेरुखी नजर आ रही है।’’
उन्होंने पंजाब और उत्तर भारत के अन्य राज्यों के साथ ‘‘सौतेले’’ व्यवहार को लेकर केन्द्र की आलोचना की और दावा किया कि बजट में पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के राज्यों पर ध्यान दिया गया है जहां इस साल चुनाव होने हैं।
सिंह ने यह भी दावा किया कि चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरों के बावजूद रक्षा क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान नहीं दिया गया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में आवंटन 35 प्रतिशत बढ़ाए जाने के केन्द्र सरकार के दावों को खारिज करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि वास्तविकता में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में 10 प्रतिशत की कमी की गई है।
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र की अशांति, बेरोजगारी और मध्यमवर्ग की समस्याओं पर चुप्पी साध ली गई है।
बादल ने सिलसिलेवार ट्वीट में दावा किया कि बजट में ‘‘पूरे उत्तर भारत को नजरअंदाज’’ किया गया है।
वहीं शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर ‘‘राष्ट्रीय संपदा को कॉरपोरेट दोस्तों को बेचने का आरोप लगाया।’’
उन्होंने यहां एक बयान में कहा कि केंद्र के कृषि कानून के विरोध में शांतिपूर्ण किसान आंदोलन का समर्थन करने के कारण बजट में पंजाबियों को सजा दी गई है।
आप ने केन्द्रीय बजट को ‘‘जन विरोधी और पंजाब विरोधी’’ बताया।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बजटीय प्रावधानों से आम जनता की समस्याएं बढ़ेंगी और इससे सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्रों को लाभ होगा।
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