दिल्ली की ट्रैकर के ​परिवार ने उसे ट्रैकिंग पर जाने को मना किया था

By भाषा | Updated: October 24, 2021 22:21 IST2021-10-24T22:21:30+5:302021-10-24T22:21:30+5:30

The trekker's family from Delhi had forbade him to go on the trek. | दिल्ली की ट्रैकर के ​परिवार ने उसे ट्रैकिंग पर जाने को मना किया था

दिल्ली की ट्रैकर के ​परिवार ने उसे ट्रैकिंग पर जाने को मना किया था

उत्तरकाशी, 24 अक्टूबर उत्तरकाशी के हर्षिल से हिमाचल प्रदेश के चितकुल तक के मार्ग में ट्रैक के दौरान खराब मौसम और बर्फवारी के कारण छह अन्य के साथ जान गंवाने वाली दिल्ली की ट्रैकर अनीता रावत के परिवार ने उन्हें ट्रैकिंग पर जाने से मना किया था ।

अनीता (38) के परिजनों ने रविवार को उत्तरकाशी में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया ।

अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश करते हुए उसके पिता ज्योति सिंह ने बताया, ‘‘ अनीता कुछ दिन पहले ही मोरी-सांकरी क्षेत्र में ट्रेकिंग कर घर लौटी थी और हमने उसे इस ट्रैक पर जाने से मना किया था ।’’

उन्होंने कहा कि अनीता ने इसे साल का अंतिम ट्रैक बताते हुए जाने की जिद की लेकिन उसे क्या पता था कि यह साल की नहीं बल्कि उसके जीवन की अंतिम ट्रैकिंग होगी।

दिल्ली के एक निजी अस्पताल में दंत चिकित्सक की नौकरी छोड़ने के बाद अनीता पिता के दिल्ली स्थित मिठाई एवं बेकरी के कारोबार में हाथ बंटा रही थीं।

सिहं ने बताया कि अनीता बहुत होनहार थी तथा वह कारोबार के हिसाब-किताब से लेकर ड्राइविंग तक सभी काम काम कर लेती थी।

अनीता के पिता ने ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के दौरान होने वाले हादसों के बाद सरकारी तंत्र की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि हर्षिल-चितकुल ट्रैक पर गए 17 सदस्यीय दल के छह पोर्टर हिमाचल के सांगला पहुंच गए थे और उनकी सूचना पर अगर तत्काल हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य चलाया जाता तो उनकी पुत्री समेत सभी लोगों को बचाया जा सकता था।

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Web Title: The trekker's family from Delhi had forbade him to go on the trek.

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