सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए यूपी सरकार पर बेहद सख्त टिप्पणी की है। जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुके हैं। ऐसा लगता है वहां जंगलराज है। आखिर ऐसा क्यों होता है?
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट बुलंदशहर के एक मंदिर के प्रबंधन से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहा था। उस दौरान पीठ ने सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल से पूछा कि क्या प्रदेश में कोई ट्रस्ट या सहायतार्थ ट्रस्ट एक्ट है? क्या वहां चंदे को लेकर कोई कानून है?
सुप्रीम कोर्ट के इन सवालों के जवाब में सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इस पर पीठ ने नाराजगी जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास कोई स्पष्ट निर्देश नहीं होते। पीठ ने कहा कि लगता है यूपी में जंगलराज है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मुख्य सचिव को तलब कर लिया है। पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव आकर बताएं कि क्या यूपी में मंदिर और चंदे को लेकर कोई कानून है या नहीं? मुख्य सचिव मामले की अगली सुनवाई पर मंगलवार को पेश होंगे। गौरतलब है कि यह मामला बुलंदशहर के करीब 300 वर्ष पुरानी श्री सर्वमंगला देवी बेला भवानी मंदिर के प्रबंधन से जुड़ा है।