लालकिला विवाद पर सरकार का बयान, कहा- डालमिया ग्रुप को 'रेड फोर्ट' केवल रखरखाव के लिए
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 29, 2018 12:54 AM2018-04-29T00:54:29+5:302018-04-29T00:54:29+5:30
सरकार ने कहा कि, डालमिया भारत समूह एमओयू के तहत स्मारक की देखरेख करेगा और इसके इर्द गिर्द आधारभूत ढांचा तैयार करेगा। पांच साल के दौरान इसमें 25 करोड़ रूपए का खर्च आएगा।
नई दिल्ली, 28 अप्रैल। ऐतिहासिक लालकिला को निजी कंपनी को सौंपे जाने पर विपक्षी दलों की आलोचनाओं के बीच पर्यटन मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि डालमिया भारत लिमिटेड के साथ हुआ समझौता 17 वीं शताब्दी के इस स्मारक के अंदर और इसके चारों ओर पर्यटक क्षेत्रों के विकास और रखरखाव भर के लिए है।
डालमिया भारत समूह एमओयू के तहत स्मारक की देखरेख करेगा और इसके इर्द गिर्द आधारभूत ढांचा तैयार करेगा। पांच साल के दौरान इसमें 25 करोड़ रूपए का खर्च आएगा। वहीं कांग्रेस , मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी, तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियों ने सरकार पर देश की स्वतंत्रता के प्रतीकों को आभासी तौर पर कॉरपोरेट घराने को सौंपने का आरोप लगाया है।
इस पूरे मामले में मंत्रालय ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि सहमति पत्र (एमओयू) लाल किला और इसके आस पास के पर्यटक क्षेत्र के रखरखाव और विकास भर के लिए है।
कांग्रेस ने ऐतिहासिक लालकिला के रखरखाव की जिम्मेदारी एक निजी समूह को दिये जाने पर शनिवार को सवाल उठाया।कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'वे ऐतिहासिक धरोहर को एक निजी उद्योग समूह को सौंप रहे हैं। भारत और उसके इतिहास को लेकर आपकी क्या परिकल्पना है और प्रतिबद्धता है ?
उन्होंने कहा कि, हमें पता है कि आपकी कोई प्रतिबद्धता नहीं है लेकिन फिर भी हम आपसे पूछना चाहते हैं।' उन्होंने सवाल किया, 'क्या आपके पास धनराशि की कमी है। एएसआई ( भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ) के लिए निर्धारित राशि क्यों खर्च नहीं हो पाती। यदि उनके पास धनराशि की कमी है तो राशि खर्च क्यों नहीं हो पाती है ?'