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शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च अभी रद्द नहीं हुआ: किसान नेता

By भाषा | Updated: November 20, 2021 15:01 IST

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नयी दिल्ली, 20 नवंबर आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक प्रस्तावित दैनिक ट्रैक्टर मार्च को अभी रद्द नहीं किया गया है और इस बारे में अंतिम फैसला तथा किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा के बारे में निर्णय रविवार को एक बैठक में लिया जाएगा। किसान नेताओं ने शनिवार को यह जानकारी दी।

किसान संगठनों के संघ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के एक साल पूरा होने के मौके पर 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान रोजाना संसद तक 500 किसान शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी और इस तरह सरकार ने किसानों की मांग को मान लिया।

एसकेएम ने प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत किया लेकिन कहा कि वे इस घोषणा के संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रभाव में आने तक की प्रतीक्षा करेंगे। उसने यह संकेत भी दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक गारंटी और विद्युत संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग के लिए उसका आंदोलन जारी रहेगा।

किसान नेता और एसकेएम की कोर कमेटी के सदस्य दर्शन पाल ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘संसद तक ट्रैक्टर मार्च का हमारा आह्वान अभी तक कायम है। आंदोलन की भावी रूपरेखा और एमएसपी के मुद्दों पर अंतिम फैसला रविवार को सिंघू बॉर्डर पर एसकेएम की बैठक में लिया जाएगा।’’

किसान नेता तथा भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने टिकरी बॉर्डर पर कहा कि ट्रैक्टर मार्च का फैसला अभी तक वापस नहीं लिया गया है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एसकेएम संसद तक ट्रैक्टर ट्रॉली मार्च पर फैसला लेगा। अभी तक इसे वापस लेने का कोई निर्णय नहीं हुआ है। एसकेएम की कोर समिति की बैठक के बाद रविवार को फैसला हो सकता है।’’

गौरतलब है कि 26 जनवरी को राजधानी में प्रदर्शनकारियों की ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रूप ले लिया था जो लाल किले में घुस गये थे और वहां धार्मिक ध्वज फहराया गया।

उगराहां ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार संसद में इन कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त नहीं कर देती तब तक किसान टिकरी और दिल्ली की अन्य सीमाओं पर बैठे रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की शुक्रवार की घोषणा के बाद अनेक किसान संघ खेती के मुद्दों पर तथा भावी रणनीति पर विचार करने के लिए अलग-अलग बैठक कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इन किसान संघों के प्रतिनिधि कल एसकेएम की बैठक में भाग लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए।

टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान नेता तथा एसकेएम की सदस्य सुदेश गोयत ने कहा, ‘‘किसान कृषि कानूनों पर केंद्र पर भरोसा नहीं कर सकते क्योंकि पहले भी उन्होंने एक रैंक-एक पेंशन देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक नहीं दी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने तय किया है कि संसद में इन कानूनों के औपचारिक रूप से वापस लिये जाने तक हम यह जगह नहीं छोड़ेंगे। आंदोलन को एक साल पूरा होने के मौके पर 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की आमद जारी रहेगी।’’

गोयत ने भी कहा कि अभी तक ट्रैक्टर मार्च को रद्द करने का कोई फैसला नहीं हुआ है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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