श्रावस्ती में 33 वर्ष पुराने सामूहिक बलात्कार के मामले में एकमात्र जीवित बची महिला को पांच वर्ष कैद

By भाषा | Published: May 14, 2021 12:05 PM2021-05-14T12:05:19+5:302021-05-14T12:05:19+5:30

The only surviving woman in the 33-year-old gang rape case at Shravasti was imprisoned for five years | श्रावस्ती में 33 वर्ष पुराने सामूहिक बलात्कार के मामले में एकमात्र जीवित बची महिला को पांच वर्ष कैद

श्रावस्ती में 33 वर्ष पुराने सामूहिक बलात्कार के मामले में एकमात्र जीवित बची महिला को पांच वर्ष कैद

श्रावस्ती (उप्र) 14 मई उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले की एक अदालत ने 33 साल पहले नाबालिग के अपहरण और बलात्कार में मदद करने की आरोपी महिला को बृहस्पतिवार को दोषी ठहराते हुए पांच वर्ष कैद तथा जुर्माने की सजा सुनाई है। इस अपराध में दोषी करार दिए गये तीन पुरुषों और एक महिला की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।

श्रावस्ती के जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध) केपी सिंह ने शुक्रवार को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश परमेश्वर प्रसाद ने मामले में एकमात्र जीवित बची आरोपी रामावती को अपहरण और सामूहिक बलात्कार में मदद करने का दोषी करार देते हुए बृहस्पतिवार को उक्त सजा सुनाई है।

जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि यह न्यायालय के सबसे पुराने मामलों में से एक था जिस पर बृहस्पितवार को अदालत का फैसला आया है। उन्होंने बताया कि अदालत ने रामावती को धारा 363 में तीन वर्ष एवं पांच हजार रुपये अर्थदंड, जबकि धारा 366 में पांच वर्ष की सजा एवं दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।

सिंह के मुताबिक घटना 30 जून 1988 की है जब एक महिला अपनी 12 वर्षीय बच्ची के साथ कोतवाली भिनगा अंतर्गत लालपुरमहरी गांव स्थित अपने मायके में भाई की शादी में आई थी।

आरोप था कि घटना की रात गांव की एक दूसरी महिला रामावती अपनी मां फूलमता के साथ मिलकर नाबालिग बालिका को बहला फुसलाकर साथ ले गयी और उसे गांव के बाहर पहले से मौजूद युवकों मक्कू, पुस्सू व लहरी के हवाले कर दिया। तीनों युवकों ने बालिका से बारी-बारी से बलात्कार किया। पीड़िता के परिजन ने कोतवाली भिनगा में पांचों के खिलाफ अपहरण एवं सामूहिक बलात्कार की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

अधिवक्‍ता के अनुसार पुलिस ने जांच के बाद पांचों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया और 33 साल चली पुलिसिया एवं न्यायिक कार्यवाही के बाद बीते अप्रैल माह में अदालत ने पांचों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। तीनों दोषी पुरुषों और फूलमता की बीते कुछ वर्षों में मौत हो चुकी है। आरोपियों में एकमात्र रामावती ही जीवित बची है।

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Web Title: The only surviving woman in the 33-year-old gang rape case at Shravasti was imprisoned for five years

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