झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण के लिए थम गया प्रचार का शोर, 38 सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर
By एस पी सिन्हा | Updated: November 18, 2024 18:13 IST2024-11-18T18:13:30+5:302024-11-18T18:13:30+5:30
Jharkhand Assembly Elections 2024: 2019 में हुए चुनाव में इन 38 सीटों में सबसे अधिक 13 सीटों पर झामुमो व 12 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। कांग्रेस को आठ, झाविमो व आजसू को दो-दो और भाकपा- माले को एक सीट मिली थी। झाविमो को पोड़ैयाहाट और राजधनवार में जीत मिली थी।

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण के लिए थम गया प्रचार का शोर, 38 सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए सोमवार को चुनाव प्रचार का शोर थम गया। दूसरे चरण के 38 सीटों पर मतदान होगा। सभी पार्टियों ने जमकर जोर लगा दिया है। सभी पार्टियों की तरफ से जीत के दावे किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा। इन 38 सीटों में से फिलहाल 23 सीटें इंडिया गठबंधन के पास है, जबकि एनडीए के पास 15 सीटें हैं। मौजूदा विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के सामने गढ़ बचाने की चुनौती है, वहीं एनडीए के सामने पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती है।
2019 में हुए चुनाव में इन 38 सीटों में सबसे अधिक 13 सीटों पर झामुमो व 12 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। कांग्रेस को आठ, झाविमो व आजसू को दो-दो और भाकपा- माले को एक सीट मिली थी। झाविमो को पोड़ैयाहाट और राजधनवार में जीत मिली थी। पोड़ैयाहाट विधायक कांग्रेस और राजधनवार के विधायक भाजपा में शामिल हो गये थे। 38 सीटों में से झामुमो ने 13 सीटें जीती थीं।
इनमें बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, दुमका, जामा, मधुपुर, गांडेय, गिरिडीह, डुमरी और टुंडी की सीट शामिल है. बरहेट, शिकारीपाड़ा, लिट्टीपाड़ा और डुमरी में झारखंड गठन के बाद हुए सभी चार चुनावों में झामुमो को जीत मिली है। वहीं, जामा, नाला, टुंडी और महेशपुर में झामुमो को चार में तीन चुनावों में जीत मिली है। दुमका, मधुपुर, गिरिडीह, गांडेय व बोरियो में पार्टी को दो चुनाव में हार, जबकि दो में जीत मिली है। भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण की 38 सीट में से 12 पर जीत मिली थी।
इनमें राजमहल, सारठ, देवघर, गोड्डा, मांडू, जमुआ, बोकारो, चंदनकियारी, सिंदरी, निरसा, धनबाद और बाघमारा शामिल है। सारठ, मांडू, चंदनकियारी, निरसा सीट पर पार्टी को पहली बार जीत मिली थी। पांच विधानसभा सीटों पर भाजपा को पिछले चार चुनावों में से तीन बार जीत मिली है। इनमें राजमहल, गोड्डा, जमुआ, सिंदरी व धनबाद शामिल है। वहीं, बाघमारा, देवघर व बोकारो भाजपा को दो बार जीत और दो बार हार का सामना करना पड़ा है।
आजसू को पिछले चुनाव में सिल्ली व गोमिया में जीत मिली थी। सिल्ली में राज्य गठन के बाद हुए चार चुनाव में से आजसू को तीन बार जीत मिली है। गोमिया में पहली बार जीत मिली थी। कांग्रेस को जिन आठ सीटों पर जीत मिली थी, उनमें से मात्र एक सीट पर पाकुड़ में तीन बार जीत मिली है। जबकि जरमुंडी, जामताड़ा, महगामा, खिजरी व बेरमो में पार्टी को दो बार जीत और दो बार हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस को रामगढ़ व झरिया में पहली बार जीत मिली थी।
इस बीच प्रवक्ता अशोक बड़ाइक ने कहा कि जिस तरह से पहले चरण के 43 सीटों पर हमने बढ़त बनाई है, हम बढ़त को आगे बढ़ते हुए जो अगले चरण के लिए मतदान होने उसमें भी निश्चित रूप से जो प्रचारक अभियान किए हैं। हमारे जो बड़े नेताओं ने यहां आकर सभा की है और कार्यकर्ताओं ने जो काम किया है उस के तय है कि हम झामुमो और कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को दिखेगा की जिस तरह से पहले चरण में महिलाओं ने मतदान किए हैं।
एनडीए के पक्ष में, उसी तरह से महिलाएं मुखर होकर रोटी, माटी, बेटी को बचाने के लिए एनडीए के पक्ष में मतदान करेंगी। वहीं, झामुमो प्रवक्ता डॉ तनुज खतरी ने कहा कि जिस तरह से एक आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 5 महीने षड्यंत्र के तहत जेल में रखा गया इसका बदला संथाल की जनता भाजपा से लेने जा रही है। यह लोग संथाल को बांटने की बात करते हैं, लेकिन झारखंड एक है और यहां एक बार फिर से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन सरकार बनाने जा रही है।