लखनऊ: दिल्ली में हुए बम धमाके के पीछे वाइट कालर आतंकी टेरर माड्यूल में शामिल पकड़े गए कश्मीरी डॉक्टरों के उत्तर प्रदेश से जुड़ाव होने की पुख्ता जानकारी हासिल होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने यूपी में अपनी छानबीन तेज कर दी है. इस वक्त एनआईए के एक दर्जन से भी अधिक अधिकारी प्रदेश के चार शहरों में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के अफसरों के साथ मिलकर कश्मीर में पकड़े गए डॉक्टरों से जुड़े संदिग्धों की तलाश कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि एनआईए एक अधिकारी कश्मीर निवासी डॉ. आदिल अहमद, उसके सहयोगी डॉ.मुजम्मिल और डॉ. शाहीन तथा डॉ. परवेज की मोबाइल काल डिटेल के जरिए चिह्नित किए गए करीब 400 संदिग्धों की भूमिका भी जांच कर रही है और इन लोगों के इनके बैंक खातों को खंगाल कर यह पता लगा रही हैं कि बीते कुछ वर्षों में इनके खातों में कोई बड़ी रकम जमा तो नहीं हुई है. इसके साथ ही एटीएस और एनआईए के अधिकारी सहारनपुर से कश्मीर के लोगों को बेची है 32 गाड़ियों के बारे में पता लगा रहा हैं.
यूपी में जांच कर रहे एनआईए और एटीएस के अधिकारियों के प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद से डॉ. शाहीन, डॉ. आदिल, डॉ. मुजम्मिल और मुफ्ती इरफान अहमद को अपने कस्टडी में लिया गया है. इस लोगों के पास से बरामद लैपटॉप और मोबाइल की जांच से उनके संपर्क में रहने वाले का ब्यौरा एकत्र कर उनकी भूमिका का पता लगाया जा रहा.
इसी क्रम में डॉ. शाहीन के छोटे भाई लखनऊ निवासी डॉ. परवेज के संपर्क में रहे युवकों को लेकर भी छानबीन की जा रही.इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टर लगाने के मामले में सहारनपुर से पकड़े गए कश्मीर निवासी डॉ.आदिल अहमद तथा अन्य तीन डॉक्टरों की मोबाइल काल डिटेल के जरिए चिह्नित किए गए लगभग 400 संदिग्धों की भूमिका भी जांच भी तेज की गई.
इन 400 संदिग्धों के बैंक खातों में पिछले कुछ वर्षों में हुए लेनदेन का ब्योरा बैंकों से मांगा गया है, ताकि यह पता किया जा सके इन खातों में बड़ी रकम कब-कब जमा हुई और निकाली गई है. इसके अलावा वाइट कालर आतंकी डॉक्टरों के लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर के नेटवर्क के अलावा प्रयागराज, वाराणसी, संभल, पीलीभीत समेत अन्य शहरों में होने के तथ्य भी सामने आ रहे हैं. इसकी भी पड़ताल शुरू हुई है.
एनआईए अफसरों का कहना है कि आतंकी डॉक्टरों के लोकल ठिकानों को तलाश रह हैं और जल्दी ही यूपी से कुछ और लोगों को पकडा जा सकता है. इसके अलावा एनआईए और एटीएस के अधिकारी जम्मू कश्मीर के निवासी और यूपी में एमबीबीएस का कोर्स कर रहे छात्रों के बारे में भी जानकारी जुटा रहा है. जांच एजेंसिया यह पता करने का प्रयास कर रही हैं कि पकड़े गए डाक्टरों का कोई लिंक इन लोगों से तो नहीं रहा है.
सहारनपुर में जमा है ध्यान
बताया जा रहा है कि एनआईए के अफसर सहारनपुर में आतंकी डॉक्टरों के नेटवर्क को डीकोड करने में ज्यादा ध्यान लगा रहा है.इसकी कई वजहें हैं.इसी शहर की मस्जिद में मसूद अजहर भी कभी रुका था.इसके अलावा दिल्ली के कार ब्लास्ट में पकड़े गए डॉ.अदील अहमद को भी इसी शहर से पकड़ा गया था और एनआईए को यह भी पता चला कि सहारनपुर में रजिस्टर कई कारे कश्मीर के लोगों ने खरीदी थी.
ऐसी 32 कारों के मालिकों से पूछताछ करने के लिए उन्हें नोटिस भेजा गया है. कुछ वाहनों के खरीदारों का लोकेशन डेटा भी विस्फोट वाले दिन संदिग्ध पाया गया है. अब यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं यह गाड़ियाँ किसी बड़े मॉड्यूल का हिस्सा तो नहीं थीं.