उच्च न्यायालय ने जिस ‘लापरवाही’ से जमानत दी, वह परेशान करने वाली : उच्चतम न्यायालय

By भाषा | Updated: November 19, 2020 23:00 IST2020-11-19T23:00:34+5:302020-11-19T23:00:34+5:30

The 'negligence' by which the High Court granted bail is disturbing: the Supreme Court | उच्च न्यायालय ने जिस ‘लापरवाही’ से जमानत दी, वह परेशान करने वाली : उच्चतम न्यायालय

उच्च न्यायालय ने जिस ‘लापरवाही’ से जमानत दी, वह परेशान करने वाली : उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली, 19 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के एक मामले में एक आरोपी को जमानत देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए कहा है कि आरोपी को जिस "लापरवाही से" रिहा किया गया, उस तरीके से वह "परेशान" है।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2019 के अपने आदेश में उल्लेख किया था कि आरोपी अन्य गंभीर अपराधों में शामिल था और जमानत पर बाहर होने के दौरान भी उसने अपराध किया था।

न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ ने 16 नवंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘ यह ध्यान देने के बावजूद कि आरोपी अन्य गंभीर अपराधों में शामिल था और जमानत पर रहने के दौरान भी उसने अपराध किया था, उच्च न्यायालय ने प्रतिवादी नंबर एक (आरोपी) को लापरवाही से जमानत पर रिहा किया है, हम इस तरीके से परेशान हैं।’’

इस पीठ में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय भी शामिल थे। पीठ मुरादाबाद जिले में दर्ज एक मामले में आरोपी को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी।

उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के संदर्भ में, आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन उसे किसी अन्य अपराध के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।

न्यायालय ने अपील का निस्तारण करते हुए निचली अदालत को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सुनवाई अगले साल मार्च के अंत तक पूरी हो जाए।

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Web Title: The 'negligence' by which the High Court granted bail is disturbing: the Supreme Court

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