कोयलाघाट अग्निकांड के बाद शोक में डूबे मृतकों के परिजन

By भाषा | Updated: March 9, 2021 18:16 IST2021-03-09T18:16:01+5:302021-03-09T18:16:01+5:30

The kin of the dead mourned after the coalghat fire | कोयलाघाट अग्निकांड के बाद शोक में डूबे मृतकों के परिजन

कोयलाघाट अग्निकांड के बाद शोक में डूबे मृतकों के परिजन

कोलकाता, नौ मार्च रेलवे के नए कोयलाघाट परिसर में अग्निकांड में मारे गए नौ लोगों के परिवार के लोग सदमे में हैं।

शहर में गंगा किनारे स्ट्रैंड रोड पर स्थित इमारत के 12 वें तल पर सोमवार रात आग लगने की घटना के बाद नौ लोगों के शव मिले।

मारे गए लोगों में हारे स्ट्रीट थाने के एक सहायक उपनिरीक्षक अमित भावल भी थे जो ड्यूटी निभाने के लिए वहां गए थे।

भावल की पत्नी ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को रात साढ़े सात बजे के बाद से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क नहीं होने के बाद घबराहट बढ़ने लगी।

उन्होंने कहा, ‘‘कोयलाघाट की नयी इमारत में आग की खबर सुनने के बाद मैं उनसे संपर्क करना चाहती थी। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। मैं घबरा गयी थी लेकिन यह नहीं लगा कि अब वह लौटकर नहीं आ पाएंगे।’’

अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश कर रही उनकी पत्नी ने ने कहा कि पहले उनको बताया गया कि भावल को एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत गंभीर है। बाद में उनके निधन की सूचना मिली।

शहर में बगुईहाटी इलाके में दंपति के पड़ोसियों ने कहा कि महिला बार-बार अचेत हो रही थी और उसे चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।

थाने में भावल के सहयोगियों ने उनको बहादुर पुलिसकर्मी के तौर पर याद किया जो किसी भी आपदा या मुश्किल हालात में मोर्चा संभालने के लिए तैयार रहते थे।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जब सोमवार रात घटनास्थल का दौरा करने पहुंचीं तो रेलवे अधिकारी पार्थसारथी मंडल के बेटे ने अपने लापता पिता के बारे में जानकारी मुहैया कराने को लेकर मदद करने को कहा ।

मंडल शाम छह बजे के आसपास कार्यालय से निकल जाते थे। आग के बारे में जानकर उनके परिवार के लोगों ने भी मोबाइल पर उनसे संपर्क करने का प्रयास किया।

मंडल के बेटे ने कहा, ‘‘उनसे संपर्क नहीं हो पाया। मैं वहां पर पहुंचा तो मुझे उनके बारे में कुछ पता नहीं चल पाया। रात में जब मुख्यमंत्री वहां आयीं तो मैंने अपने पिता के बारे में पता लगाने में मदद के लिए कहा। बाद में अस्पताल में उनके शव की पहचान की।’’

मंडल के पड़ोसियों और उनके दोस्तों ने उनको बेहद शालीन व्यक्तित्व का बताया जिनकी किसी के साथ भी रंजिश नहीं थी।

आरपीएफ जवान संजय साहनी के भाई रमेश ने कहा कि मंगलवार सुबह तक उन्हें अपने भाई के बारे में पता नहीं चल पाया था।

उन्होंने, ‘‘आज मुझे एसएसकेएम अस्पताल आकर शव की पहचान करने को कहा गया। वह कोलकाता में एक जगह अपने दोस्त के साथ रहते थे।

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Web Title: The kin of the dead mourned after the coalghat fire

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