लखनऊ: केंद्रीय चुनाव आयोग ने शनिवार को 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर एक्शन लिया है. आयोग ने रजिस्ट्रेशन के नियमों का उल्लंघन करने पर इन राजनीतिक दलों को अपनी लिस्ट से बाहर कर दिया है. चुनाव आयोग के इस फैसले के चलते यूपी पंजीकृत 115 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की मान्यता समाप्त हो गई है. यह 115 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का कार्यक्षेत्र यूपी के 40 जिलों में फैला था. इनमें सर्वाधिक 29 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल लखनऊ के हैं. जबकि 18 राजनीतिक दल वाराणसी और सात राजनीतिक दल गाजियाबाद के पते पर पंजीकृत किए गए थे.
सूबे के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के अनुसार, इन 115 राजनीतिक दलों ने वर्ष 2019 से 2024 तक कोई चुनाव नहीं लड़ा था और इन सभी राजनीतिक दलों ने पंजीकरण के नियमों का पालन नहीं किया. इसके साथ ही इन्होने कानूनी तौर पर जो जरूरी काम थे, उन्हें भी पूरा नहीं किया था. इसलिए, इन दलों पर उक्त कार्रवाई की गई है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के मुताबिक, गत 9 जुलाई को सूबे में पंजीकृत 119 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस दिया है. इसकी वजह थी, इन दलों द्वारा बीते छह वर्षों यानी वर्ष 2019 से वर्ष 2024 के बीच एक भी चुनाव नहीं लड़ना. इस वजह से उक्त सभी दलों को 14 जुलाई तक जवाब देने का समय दिया गया.
इनसे कहा गया था कि पार्टी के अध्यक्ष/महासचिव का अपना प्रत्यावेदन, हलफनामा एवं जरूरी अभिलेखों के साथ 14 जुलाई तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में जमा कराए. यदि पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस के संबंध में निर्धारित तिथि के भीतर जवाब नहीं आया तो यह माना जायेगा कि पार्टी को इस मामले में कुछ नहीं कहना है.
इसके बाद पार्टी को राजनीतिक दलों की सूची से हटाने के लिए संस्तुति सहित प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग भेज दिया जाएगा. राजनीतिक दलों दलों द्वारा दिए जाने वाले उत्तर पर 21 जुलाई को सुनवाई होनी थी, लेकिन चार दलों ने आयोग के नोटिस का जवाब दिया. जबकि 115 राजनीतिक दलों ने आयोग के नोटिस पर कोई जवाब ही नहीं दिया.
नवदीप रिणवा के अनुसार, इस मामले में आयोग ने पड़ताल की तो पता चला कि अधिकांश गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के पते पर इन दलो का कार्यालय ही नहीं है. इसी के बाद आयोग ने इन दलों को सूची से हटाने के लिए संस्तुति केंद्रीय निर्वाचन आयोग से की गई और यूपी के इन 115 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक का खेल खत्म करने का आदेश जारी हो गया. आयोग के इस फैसले के बाद यह दल यूपी में कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.