नयी दिल्ली, 25 मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र, आम आदमी पार्टी की सरकार और पुलिस से एक वकील की याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें दावा किया गया है कि कथित तौर पर रेड लाइट का उल्लंघन करने के लिए उनका यातायात चालान किया गया और उचित प्रक्रिया का पालन किए बगैर उनका ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।
मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने परिवहन मंत्रालय, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को नोटिस जारी किया और याचिका पर उनका रूख पूछा। याचिका में दावा किया गया है कि घटना के दिन से ही उनका ड्राइविंग लाइसेंस ब्लॉक कर दिया गया और वकील को चालान के बारे में अपना पक्ष रखने का अवसर तक नहीं दिया गया।
सूर्यकांत सिंगला ने वकील सत्यम थरेजा के मार्फत दायर याचिका में यातायात विभाग के पत्र को भी चुनौती दी है, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस को निरस्त किए बगैर इसे जमा करने के लिए कहा गया है।
याचिका में दावा किया गया कि रेड लाइट का उल्लंघन करने के लिए 23 अगस्त 2020 को चालान जारी किया गया जबकि मूलचंद के उस स्थान पर बायीं तरफ मुड़ने से रोकने का कोई चिह्न या सिग्नल नहीं था।
सिंगला ने कहा कि विरोध के तौर पर उन्होंने चालान स्वीकार कर लिया, लेकिन इस पर वह अपना पक्ष रखते उससे पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी किए बगैर 24 अगस्त 2020 को उनका लाइसेंस ब्लॉक कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2020 में जब वह परिवहन विभाग में लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए पहुंचे तब उन्हें पता चला कि उनका लाइसेंस ब्लॉक कर दिया गया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।