कमला नेहरू सोसाइटी प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने पर अदालत ने जताई गंभीर चिंता

By भाषा | Updated: March 18, 2021 22:52 IST2021-03-18T22:52:47+5:302021-03-18T22:52:47+5:30

The court expressed serious concern over the filing of a lawsuit against the Kamala Nehru Society management | कमला नेहरू सोसाइटी प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने पर अदालत ने जताई गंभीर चिंता

कमला नेहरू सोसाइटी प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने पर अदालत ने जताई गंभीर चिंता

लखनऊ, 18 मार्च इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने रायबरेली स्थित कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के प्रबंधन के खिलाफ दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराए जाने पर गंभीर चिंता जाहिर की है।

न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की पीठ ने कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर बृहस्पतिवार को यह आदेश पारित करते हुए कहा कि अगर सोसाइटी द्वारा जिला प्रशासन पर लगाए गए आरोप सही हैं तो इसके बेहद गंभीर परिणाम होंगे।

सोसाइटी के वकील विप्लव शर्मा ने अदालत को बताया कि सोसाइटी को जन कल्याणकारी कार्य के लिए सौंपी गई जमीन पर अतिक्रमण को हटाने के लिए न्यायालय ने गत तीन मार्च को आदेश पारित करके जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे मगर इसका अनुपालन करने के बजाय जिला प्रशासन ने कमला नेहरू सोसाइटी पर दबाव बनाने के लिए उसके प्रबंधन के खिलाफ गत 14 मार्च को दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया।

गौरतलब है कि रायबरेली जिले में सिविल लाइंस इलाके में पांच बीघे भूमि को फर्जी तरीके से फ्रीहोल्ड कराने के मामले में कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के सचिव तथा पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल और तत्कालीन अपर जिलाधिकारी समेत 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।

यह मुकदमा मौजूदा अपर जिलाधिकारी (एडीएम) वित्त एवं राजस्व प्रेम प्रकाश उपाध्याय की तहरीर पर दर्ज किया गया है।

उपाध्याय ने शहर कोतवाली पुलिस को दी गयी तहरीर में कहा कि कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी की ओर से छह फरवरी 2021 को फ्रीहोल्ड के लिए आवेदन किया गया था। तत्कालीन नुजूल लिपिक और प्रभारी अधिकारी नुजूल सोसाइटी के पदाधिकारियों के साथ मिलकर विधिक तथ्यों को छिपाते हुए जमीन को सोसाइटी के पक्ष में बिना पट्टा प्राप्त किए फ्रीहोल्ड किए जाने की संस्तुति की गई।

उपाध्याय ने आरोप लगाया कि तत्कालीन तहसीलदार सदर ने भी उस जमीन को सोसाइटी के पक्ष में गलत ढंग से फर्जी पट्टे के आधार पर फ्रीहोल्ड किए जाने की संस्तुति कर दी। उस पर तत्कालीन लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदार के हस्ताक्षर भी हैं।

उपाध्याय के मुताबिक पुराने अभिलेखों में जगह-जगह सफेदा लगाकर ओवरराइटिंग की गई है।

उपाध्याय ने बताया कि इस मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट ने की थी। उसी जांच के आधार पर कोतवाली में मामला दर्ज करने की तहरीर दी गई थी।

पुलिस ने पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल, सब रजिस्ट्रार घनश्याम, तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व मदन पाल आर्य, तत्कालीन तहसीलदार कृष्ण पाल सिंह, प्रशासनिक अधिकारी विन्ध्यवासिनी प्रसाद, नजूल लिपिक रामकृष्ण श्रीवास्तव, लेखपाल प्रवीण कुमार मिश्रा, प्रभारी कानूनगो प्रदीप श्रीवास्तव और नजूल लिपिक छेदीलाल जौहरी समेत 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: The court expressed serious concern over the filing of a lawsuit against the Kamala Nehru Society management

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे