अदालत ने ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोगी दवाओं के वितरण को लेकर नीति बनाने के निर्देश दिये

By भाषा | Updated: June 1, 2021 22:32 IST2021-06-01T22:32:09+5:302021-06-01T22:32:09+5:30

The court directed to make a policy regarding the distribution of medicines useful in the treatment of black fungus. | अदालत ने ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोगी दवाओं के वितरण को लेकर नीति बनाने के निर्देश दिये

अदालत ने ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोगी दवाओं के वितरण को लेकर नीति बनाने के निर्देश दिये

नयी दिल्ली, एक जून दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह ‘भारी मन’ से केंद्र को निर्देश दे रहा है कि ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोगी लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी के वितरण के लिये नीति बनाई जाए, जिसमें युवा पीढ़ी के मरीजों को प्राथमिकता दी जाए क्योंकि यही देश का निर्माण करेगी और उसे आगे ले जाएगी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि दवा देते समय यह ध्यान रखा जाए कि जिनके जीवित रहने की बेहतर संभावना है, उन्हें एवं कम आयु वर्ग के लोगों को, उन वृद्धों की तुलना में प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिन्होंने अपनी जिंदगी जी ली है। उसने यह भी कहा कि इससे सभी नहीं तो, कुछ जिंदगियां जरूर बचायी जा सकती हैं।

उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह यह बिल्कुल नहीं कह रहा है कि बुजुर्गों की जिंदगी कम महत्वपूर्ण है क्योंकि बूढे लोग परिवार को जो भावनात्मक सहारा दे सकते हैं, उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि केंद्र अपनी नीति में यह अपवाद कर सकता है कि जो शीर्ष पदों पर राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं और जिसकी सुरक्षा उनकी अहम भूमिकाओं के चलते जरूरी है, उन्हें यह दवा दी जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘ आप देश के प्रधानमंत्री को एसपीजी सुरक्षा क्यों प्रदान करते हैं किसी और को क्यों नहीं? क्योंकि यह उस पद की जरूरत है। इसी प्रकार, आप उसे यह पहले दीजिए जो समाज की सेवा कर रहे हैं।’’

न्यायालय ने कहा, ‘‘ हमें अपने भविष्य को सुरक्षित करने की जरूरत है, हमें अपनी युवा पीढ़ी को बचाने की आवश्यकता है। आप उन्हें नाउम्मीद नहीं कर सकते। वे राष्ट्र का निर्माण करेंगे और उसे आगे ले जायेंगे।’’

न्यायालय ने कहा, ‘‘ हमने भारी मन से यह आदेश दिया है लेकिन हमें यह करना पड़ा।’’

पीठ ने कहा, ‘‘ यदि सभी मरीजों का उपचार नहीं किया जा सकता... तो केंद्र पर मरीजों की प्राथमिकता के संबंध में अपनी नीति बताने की जिम्मेदारी आती है ताकि कम से कम कुछ जिंदगियां तो बचायी जा सकती हैं।’’

न्यायालय ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों की मदद से नीतिगत निर्णय लिये जा सकते हैं।

उसने कहा कि इस दवा की दिल्ली समेत पूरे देश में पिछले दो सप्ताह से कमी है और लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन -बी की कमी एवं अन्य वैकल्पिक दवा की जानकारी नहीं होने से बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं।

अदालत ने कहा कि यह सही वक्त है कि विभिन्न रोगों के मरीजों के उपचार के लिए दिशानिर्देश तय करने वाली भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ब्लैक फंगस के उपचार के सिलसिले में लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन -बी, एम्फोटेरिसिन -बी, और पोसाकोनाजोन के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करे।

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Web Title: The court directed to make a policy regarding the distribution of medicines useful in the treatment of black fungus.

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