अदालत ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवा के सीमा शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी

By भाषा | Updated: May 27, 2021 16:06 IST2021-05-27T16:06:45+5:302021-05-27T16:06:45+5:30

The court allowed customs-free import of the drug to treat black fungus | अदालत ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवा के सीमा शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी

अदालत ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवा के सीमा शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी

नयी दिल्ली, 27 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्लैक फंगस के मरीजों, मुख्य रूप से कोविड-19 से स्वस्थ होने के बाद इससे प्रभावित होने वाले मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन बी के सीमा शुल्क मुक्त आयात की बृहस्पतिवार को अनुमति प्रदान कर दी।

अदालत ने दवा पर सीमा शुल्क में केंद्र द्वारा छूट दिए जाने पर अंतिम फैसला लेने तक आयातकों द्वारा अनुबंध पत्र प्रस्तुत करने पर यह राहत देने का निर्देश दिया है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस से पीड़ित हजारों लोगों की जान बचाने के लिए दवाओं की आवश्यकता है और केंद्र को तब तक इसपर सीमा शुल्क में छूट देने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए जब तक कि देश में इसकी आपूर्ति कम है।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, “हम निर्देश देते हैं कि इस दवा (एम्फोटेरिसिन बी) का किसी भी व्यक्ति को असल सीमा शुल्क का भुगतान किए बिना ही आयातक द्वारा अनुबंध पत्र प्रस्तुत किए जाने पर उस समय तक अनुमति दी जाए जब तक कि केंद्र इसपर फैसला नहीं ले लेती है।”

पीठ ने कहा, “पत्र में यह वचन दिया जाना चाहिए कि अगर आयात शुल्क में छूट नहीं दी जाती, तो इस शुल्क का भुगतान आयातकर्ता करेगा। ”

यह मामला ब्लैक फंगस के एक मरीज द्वारा दायर याचिका पर बहस के दौरान उठा जिसे दवा नहीं मिल रही थी।

एक वकील ने अदालत को सूचित किया कि दवा पर आयात शुल्क 27 प्रतिशत है जबकि अन्य वकील ने कहा कि यह 78 प्रतिशत है।

केंद्र के वकील ने कहा कि उन्हें ठीक-ठीक प्रतिशत के बारे में नहीं पता और सक्षम प्राधिकरण से निर्देश प्राप्त करने के बाद वह अदालत को सूचित करेंगे।

केंद्र सरकार के स्थायी वकील कीर्तिमान सिंह ने दलील दी कि ऐसी दवाओं पर आयात शुल्क में छूट देने के मुद्दे की जानकारी आज अधिकारियों को दे दी जाएगी और जल्द ही फैसला लिया जाएगा।

पीठ ने कहा कि उम्मीद है कि केंद्र आयात शुल्क में छूट देने पर विचार करेगा।

पीठ ने कहा, “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि यह दवा देश में हजारों लोगों को संक्रमित कर रहे ब्लैक फंगस से संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए जरूरी है, केंद्र सरकार इन दवाओं पर सीमा शुल्क में पूर्ण रूप से छूट देने पर गंभीरता से विचार करे कम से कम तब तक भारत में इसकी आपूर्ति कम है।”

अदालत को केंद्र की ओर से आश्वासन दिया गया कि सीमा शुल्क विभाग ब्लैक फंगस और कोविड-19 से संबंधित सभी खेपों को बिना किसी देरी के मंजूरी देगा।

पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश, न्यायमूर्ति राजीव शखधर के फैसले का संदर्भ दिया जिन्होंने ऑक्सीजन सांद्रकों पर आईजीएसटी लगाने को असंवैधानिक करार दिया था।

पीठ ने कहा, “न्यायमूर्ति शखधर के आईजीएसटी पर आदेश के बाद, क्या आपके लिए (केंद्र) ऐसे शुल्क लगाना उचित है? आपको इसमें पूरी तरह छूट देनी चाहिए। ऐसी चीजों के आयात में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। कुछ वक्त के लिए कम से कम इसमें छूट दें।”

केंद्र के वकील ने सहमति जताई कि दो-तीन महीनों के लिए अस्थायी तौर पर ऐसा किया जा सकता है।

पीठ ने मौखिक तौर पर कहा कि केंद्र द्वारा निर्धारित माध्यमों के अलावा अगर कोई राज्य सरकार या व्यक्ति अपने बूते दवा का आयात करना चाहता है तो उसे रोका नहीं जाना चाहिए।

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Web Title: The court allowed customs-free import of the drug to treat black fungus

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