पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार को लेकर नई दिल्ली में हुई समीक्षा बैठक में एक स्वर से हार का कारण राजद का साथ बताया गया। सूत्रों के अनुसार, कई उम्मीदवारों ने बैठक में साफ कहा कि राजद से गठबंधन पार्टी की ऐतिहासिक हार का मुख्य कारण रहा। उम्मीदवारों ने दावा किया कि यदि कांग्रेस बिहार में अकेले मैदान में उतरती तो उसका प्रदर्शन बेहतर हो सकता था। कई नेताओं ने तो तेजस्वी यादव की पार्टी राजद से गठबंधन खत्म कर भविष्य में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की सलाह तक दे डाली। अररिया से कांग्रेस के विजयी विधायक आबिदुर रहमान ने समीक्षा बैठक के बाद कहा कि एनडीए सरकार ने महिलाओं को 10-10 हजार रुपये देकर चुनाव से पहले बड़ा प्रभाव पैदा किया, जिसका सीधा फायदा उन्हें मिला।
सूत्रों के अनुसार, कई उम्मीदवारों ने बैठक में उनका मानना था कि यदि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती तो नतीजे कहीं बेहतर हो सकते थे। कई नेताओं ने बिहार में राजद से गठबंधन खत्म कर भविष्य में अकेले चुनाव लड़ने की मांग भी रखी। अररिया से विजयी कांग्रेस विधायक आबिदुर रहमान ने बैठक के बाद कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले महिलाओं को 10-10 हजार रुपये देकर बड़ा चुनावी प्रभाव बनाया, जिससे एनडीए को फायदा मिला। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन में सीट बंटवारे में देरी और करीब एक दर्जन सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' ने जनता के बीच गलत संदेश दिया।
रहमान के अनुसार भाजपा और एआईएमआईएम ने चुनाव को हिंदू-मुस्लिम मुद्दे में बदलने की कोशिश की, जिसका असर नतीजों में दिखा। साथ ही राजद-कांग्रेस गठबंधन में सीट बंटवारे में देरी और लगभग एक दर्जन सीटों पर फ्रेंडली फाइट की वजह से जनता में नकारात्मक संदेश गया। उल्लेखनीय है कि समीक्षा बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी ने सभी 61 उम्मीदवारों से 10-10 के समूह में चर्चा की। इस दौरान कई बार ऐसे मौके आए जब प्रत्याशियों से बात करते समय बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल तक को कमरे से बाहर भेज दिया गया। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व इस हार को बेहद गंभीरता से ले रहा है।
इसी बैठक के दौरान इंदिरा भवन में एक अप्रिय घटना भी हुई, जब वैशाली के उम्मीदवार इंजीनियर संजीव और पूर्णिया के प्रत्याशी जितेंद्र यादव के बीच गाली-गलौज और विवाद हो गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि संजीव ने जितेंद्र को गोली मारने की धमकी तक दे दी। बाद में वरिष्ठ नेताओं ने हस्तक्षेप कर दोनों को शांत कराया। यह घटना राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के पहुंचने से पहले की बताई जा रही है। हालांकि कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि यह पहली बार हुआ कि चुनाव नतीजों पर इतनी गहन और लंबी समीक्षा की गई।