देश में असहिष्णुता, धर्मांधता, नफरत का माहौल, राज्यपाल ने लोगों को संविधान का पालन करने को कहा

By भाषा | Published: February 7, 2020 08:07 PM2020-02-07T20:07:33+5:302020-02-07T20:07:33+5:30

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभा में बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल का प्रथागत भाषण दिया। धनखड़ ने ट्वीट किया, “मैंने संविधान की परंपरा का पालन करते हुए वक्तव्य दिया। मुझे उम्मीद है कि सभी लोग संविधान का पालन करेंगे।"

The atmosphere of intolerance, bigotry, hate in the country, the governor asked people to follow the constitution | देश में असहिष्णुता, धर्मांधता, नफरत का माहौल, राज्यपाल ने लोगों को संविधान का पालन करने को कहा

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत में बिलकुल वैसा भाषण पढ़ा जैसा राज्य सरकार की तरफ से उनके लिए तैयार किया गया था।

Highlightsयह लोगों की सेवा और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने का एकमात्र तरीका है।धनखड़ ने भाषण पढ़ते हुए कहा कि वर्तमान में हमारा देश अहम मोड़ पर है।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को लोगों से संविधान का पालन करने और संविधान में निषिद्ध कार्यों को नहीं करने की अपील की।

धनखड़ ने विधानसभा में बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल का प्रथागत भाषण दिया। धनखड़ ने ट्वीट किया, “मैंने संविधान की परंपरा का पालन करते हुए वक्तव्य दिया। मुझे उम्मीद है कि सभी लोग संविधान का पालन करेंगे।"

उन्होंने कहा, “यह लोगों की सेवा और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने का एकमात्र तरीका है। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे संविधान में निषिद्ध कार्य ना करें।” धनखड़ ने भाषण पढ़ते हुए कहा कि वर्तमान में हमारा देश अहम मोड़ पर है। हमारे संविधान के मूल्य एवं मूलभूत सिद्धांत खतरे में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में असहिष्णुता, धर्मांधता, नफरत का माहौल है। 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत में बिलकुल वैसा भाषण पढ़ा जैसा राज्य सरकार की तरफ से उनके लिए तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि असहिष्णुता, धर्मांधता और नफरत “देश में नये मानक हैं।”

धनखड़ ने अपने भाषण में यह भी कहा कि असहमति के सभी रूपों को अस्वीकार करना, “राष्ट्रवाद के नाम पर नया फैशन बन गया है।” लिखित भाषण से अलग नहीं बोलने ने सरकार के साथ उनके किसी तरह के टकराव की आशंका को खत्म कर दिया।

धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह अपने अभिभाषण से “इतिहास बनाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख के तौर पर उन्होंने अपने सुझाव दिए थे और उन्हें उम्मीद थी कि उनके अभिभाषण में उन सुझावों को शामिल किया जाएगा। नियमों के मुताबिक, बजट सत्र के दौरान राज्यपाल राज्य सरकार द्वारा तैयार भाषण को पढ़ते हैं जिसमें सरकार के नीतिगत फैसलों का जिक्र होता है। धनखड़ ने भाषण पढ़ते हुए कहा, “वर्तमान में हमारा देश अहम मोड़ पर है।

हमारे संविधान के मूल्य एवं मूलभूत सिद्धांतों को चुनौती दी जा रही है...गलत सूचनाओं का प्रसार सामान्य बात हो गई है और सभी प्रकार की अहसमतियों को खारिज करना राष्ट्रवाद के नाम पर नया फैशन हो गया है।” धनखड़ ने देशभर में प्रस्तावित एनआरसी की वजह से ‘‘दहशत के कारण राज्य में हु‍ई लोगों की मौत’’ पर शोक व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “असहिष्णुता, कट्टरता और नफरत का माहौल है जो देश में सभी भाषाई, धार्मिक एवं नस्ली विविधताओं को बांधे रखने वाले बहुरंगी धागे को कमजोर कर रहा है।” राज्यपाल ने कहा कि कोई बड़ा कदम उठाने से पहले सभी वर्ग के लोगों को भरोसे में लिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “राज्य सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर), एनआरसी या सीएए जैसे कदमों के नाम पर लोगों के बंटवारे के खिलाफ है।” धनखड़ के अभिभाषण के दौरान तृणमूल कांग्रेस के विधायकों को सीएए एवं एनआरसी विरोधी संदेशों वाली टी-शर्ट और बैज पहने देखा गया।

अपने भाषण के बाद, धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अध्यक्ष बिमन बंदोपाध्याय से विधानसभा परिसर में मुलाकात की। राज्यपाल ने बुधवार को कहा था कि वह भाषण में बदलाव कर सकते हैं जिसपर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि “वह जानबूझ कर समस्या उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा था, “मैं संविधान के अनुकूल काम करूंगा।” साथ ही कहा था कि वह कभी “लक्ष्मण रेखा” पार नहीं करेंगे। 

Web Title: The atmosphere of intolerance, bigotry, hate in the country, the governor asked people to follow the constitution

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