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मोदी सरकार की अटल पेंशन योजना को लेकर अब पछता रही हैं ओडिशा की सरस्वती, आखिर क्यों जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 30, 2019 15:47 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में अटल पेंशन योजना 18 से 40 साल की उम्र के लोगों के लिए शुरू की थी। इस योजना के तहत 60 साल की उम्र होने के बाद इन्हें मासिक पेंशन दी जानी है।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में शुरू की थी अटल पेंशन योजनाइस पेंशन योजना से एग्जिट करने का कोई विकल्प नहीं है

ओडिशा के गढ़ निपानिया गांव की रहने वाली सरस्वती परीदा को लगता है कि वे सरकार की पेंशन योजना लेकर मुश्किल में फंस गई हैं। सरस्वती ने चार साल पहले इस योजना को अपनाया लेकिन अब वह इससे बाहर आना चाहती हैं। सरस्वती के अनुसार उन्हें इस बार में कभी नहीं बताया गया था, वे अपनी इच्छा के अनुसार इस पेंशन योजना से कभी बाहर नहीं आ सकती हैं।

सरस्वती के अनुसार एक स्थानीय पब्लिक सेक्टर बैंक के अधिकारियों की बातों से प्रभावित होकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 2015 में शुरू किये गये अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को अपनाया था।

'द टेलिग्राफ' की रिपोर्ट के अनुसार सरस्वती ने इच्छा जताई है कि वे अब इस स्कीम से बाहर आना चाहती हैं। सरस्वती कहती हैं, 'मेरे लिए हर महीने 388 रुपये जमा कराना मुश्किल होता है। मैंने बैंक से वह पैसे लौटाने के लिए कहा है, जो अब तक मैं जमा करती आई हूं। वे कह रहे हैं कि मुझे मेरे जमा किये हुए पैसे को अब भूल जाना चाहिए। मैं फंस गई हूं। कृपया बताएं कि मैं कैसे अपने पैसे वापस हासिल कर सकती हूं।'

बता दें कि पीएम मोदी ने 2015 में अटल पेंशन योजना 18 से 40 साल की उम्र के लोगों के लिए शुरू की थी। इस योजना के तहत 60 साल की उम्र होने के बाद इन्हें मासिक पेंशन दी जानी है। यह पेंशन हर महीने जमा किये जाने वाले किश्तों के आधार पर 1000, 2000, 3000, 4000 या 5000 रुपये हो सकती है। पेंशन की राशि इस बात पर भी निर्भर है कि ग्राहक किस उम्र में इस स्कीम को लेता है।

उदाहरण के लिए 18 साल के युवक को 42 साल तक 126 रुपये देने होंगे। इसमें केंद्र सरकार भी इस मद में अधिकतम 1000 रुपये पांच साल तक जमा करती रहेगी। यहां भी यह महत्वपूर्ण है कि सब्सक्राइबर कितने पैसे जमा कर रहा है। इस लिहाज से देखें तो सरस्वती 28 साल की थी जब वह स्कीम में शामिल हुईं। ऐसे में उन्हें 60 साल की उम्र होने के बाद वह 4000 रुपये हर महीने मिलेंगे।

हाल में आरटीआई के जरिये हासिल पेंशन फंड रेगुलैरिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी के डाटा के अनुसार एपीवाई स्कीम के लिए इनरोल किये 1.54 करोड़ लोगों में चार प्रतिशत से ज्यादा ग्राहकों, करीब 6.6 लाख ने अब पैसे जमा कराने बंद कर दिये हैं। इसके बावजूद सरकार ने असंगठित सेक्टर के कामगारों के लिए इसी साल की शुरुआत में एक और पेंशन स्कीम प्रधानमंत्री मान-धन योजना की शुरुआत की।

हालांकि, मान-धन स्कीम कुछ मायनों में एपीवाई से जरूर अलग है। मान-धन स्कीम के तहत सरकार पूरे समयावधि के लिए पैसे जमा करती रहेगी जबकि एपीवाई में सरकार केवल 5 साल पैसे जमा करती है। वहीं, दूसरी ओर मान-धन योजना के तहत इस स्कीम से बाहर आने का भी विकल्प है। उन्हें ऐसे में विभिन्न ब्याज दरों पर पूरे पैसे वापस मिलेंगे। वहीं, तीसरा अंतर ये है कि ग्राहक और उसके पति या पत्नी के निधन के बाद नॉमिनी को पैसे नहीं मिलेंगे।

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