चुनावी राज्य तेलंगाना में जोर पकड़ते चुनाव प्रचार अभियान के बीच एक ऐसी दोस्ती है जो वाकई में परवान चढ़ती नजर आ रही है। राज्य में कार्यवाहक मुख्यमंत्री केसीआर और एआईएमआईएम के असादुद्दीन ओवैसी के बीच दोस्ती किसी से छिपी नहीं है।
केसीआर ने कहा- असादुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम को ''मित्र पार्टी''
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने छह सितंबर को हैदराबाद के सांसद ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम को ‘‘मित्र पार्टी’’ बताया था। उसी दिन 119 सदस्यीय विधानसभा को उन्होंने भंग कर दिया था।
हालांकि राव कुछ नया नहीं कह रहे हैं, बल्कि उनके कार्यकाल के दौरान इसकी बानगी खूब दिखी।
एमआईएमआईएम की पुराने शहरी इलाकों में मजबूत पकड़
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एमआईएमआईएम) की पुराने शहरी इलाकों में मजबूत पकड़ रही है और पार्टी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव में सात सीटें जीती थीं। सात दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी ने अपने आठ उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं और यह किसी से छिपा नहीं है कि पार्टी अन्य विधानसभा क्षेत्रों में टीआरएस का समर्थन कर रही है।
ओवैसी ने कहा- टीआरएस के पास (सत्ता में) वापसी का अच्छा मौका
ओवैसी ने भी निर्मल कस्बे में टीआरएस के समर्थन में एक चुनाव प्रचार अभियान को संबोधित किया था।
ओवैसी ने हाल में पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टीआरएस के पास (सत्ता में) वापसी का अच्छा मौका है और केसीआर एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बीते चार साल में तेलंगाना में सांप्रदायिक दंगों का कोई मामला सामने नहीं आया। तेलंगाना में डर को कोई माहौल नहीं है। ये चीजें खुद-ब-खुद केसीआर की मदद करेंगी।’’ बदले में केसीआर भी ओवैसी की तारीफ करते हैं।
अपने चुनाव प्रचार अभियानों में कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची और यह ओवैसी ही थे जिन्होंने उनके समर्थन में आने का वादा किया।
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव सात दिसंबर को होने वाले हैं और मतगणना 11 दिसंबर को होगी।