हैदराबाद: राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने की कवायद के साथ बुधवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) किया गया। पार्टी की महत्वपूर्ण आम सभा बैठक में यह फैसला लिया गया। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पार्टी मुख्यालय में आयोजित बैठक के दौरान इस बाबत एक प्रस्ताव पारित किया गया है।
टीआरएस अब हो गया बीआरएस
पार्टी अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने प्रस्ताव पढ़ा और घोषणा की कि पार्टी की आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस करने का संकल्प लिया गया। इस घोषणा के बाद पार्टी मुख्यालय के बाहर जुटे कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
तेलंगाना के सीएम केसीआर द्वारा नए नेशनल पार्टी के एलान पर बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को आरोप लगाया कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, एक दिल्ली में सुल्तान जबकि दूसरा हैदराबाद में निजाम है।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर मनाया जश्न
आपको बता दें कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया है। पार्टी का नाम बदलने की घोषणा से उत्साहित कार्यकर्ताओं ने अपनी पार्टी के नेता के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को ‘राष्ट्रीय नेता’ करार दिया है। कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया तथा ‘टीआरएस और केसीआर जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए।
‘देश के नेता केसीआर’ के नारे लगाए गए
ऐसे में कार्यकर्ताओं ने ‘देश के नेता केसीआर’ के नारे लगाए गए और पोस्टर पर भी इसी तरह के नारे लिखे नजर आए है। यही नहीं बैठक स्थल के अलावा शहर के तमाम हिस्सों में केसीआर को राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने के लिए बधाई देने वाले पोस्टर लगाए गए हैं।
इससे पहले पार्टी अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पार्टी का नाम परिवर्तन संबंधी प्रस्ताव पढ़ा और घोषणा की कि पार्टी की आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस करने का संकल्प लिया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने क्या कहा
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने यहां पत्रकारों से कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के प्रस्तावित राष्ट्रीय संगठन 'भारत राष्ट्र समिति' (बीआरएस) के वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) बनने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह (राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा) न केवल भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लिए, बल्कि टीआरएस के लिए भी एक संदेश है, जिसका चेहरा भाजपा जैसा ही है। भाजपा और टीआरएस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। आपके पास अगर दिल्ली में सुल्तान है, तो हैदराबाद में निजाम है।’’
मामले में जयराम रमेश ने राव पर निशाना साधते हुए कहा कि सुल्तान और निजाम में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए, तेलंगाना में टीआरएस के लिए संदेश है कि यह बीआरएस का समय नहीं, बल्कि वीआरएस लेने का है।
भारत में लोगों के तीन चिंतित हैं... महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी- जयराम रमेश
इस पर बोलते हुए जयराम रमेश ने कहा कि तीन चीजें हैं जिनसे आज पूरे भारत में लोग चिंतित हैं, महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी...., एक या दो बड़ी कंपनियों का एकाधिकार और बढ़ती आर्थिक असमानता जैसे मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी चिंता सामाजिक ध्रुवीकरण है क्योंकि समाज को कथित तौर पर धर्म, जाति, भाषा, भोजन और पोशाक के आधार पर विभाजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तीसरी चिंता केंद्रीकरण को लेकर राजनीतिक है।
रमेश ने आगे कहा कि चल रही भारत जोड़ो यात्रा "मन की बात यात्रा" नहीं है, जिसमें लंबे भाषण दिए जाते हैं, बल्कि यह एक ‘‘सुनने वाली यात्रा’’ है जहां लोगों की आवाज सुनी जाती है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में दावा किया कि कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जो अपने अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए चुनाव कराती है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या टीआरएस में चुनाव होंगे? क्या भाजपा में चुनाव होंगे?’’
दो दिन के लिए रोका गया है ‘भारत जोड़ो यात्रा’
मामले में कांग्रेस नेता रमेश ने कहा कि चल रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को दशहरा के कारण दो दिनों (4 और 5 अक्टूबर) के लिए रोक दिया जाएगा और यह छह अक्टूबर से कर्नाटक के मांड्या से फिर से शुरू होगी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी इसमें भाग लेने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि यह यात्रा 24 अक्टूबर को तेलंगाना में प्रवेश करेगी और राज्य में 360 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे। उन्होंने केंद्र में कांग्रेस या भाजपा के अलावा किसी अन्य पार्टी या मोर्चे के सरकार बनाने की संभावना से इनकार किया।
(भाषा इनपुट)