पटनाः तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के द्वारा मेगा रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं बुलाये जाने पर सियासत गर्मा गई है। विपक्षी एकता की रैली में न्योता नहीं मिलने पर भाजपा के द्वारा तंज कसे जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को साफ किया कि उन्हें ऐसी किसी रैली के बारे में जानकारी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि मैं किसी और काम में व्यस्त था और मुझे केसीआर की रैली के बारे में पता ही नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को रैली में आमंत्रित किया गया था, वे वहां गए होंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि कोई यदि अपनी पार्टी की मीटिंग करता हैं और किसी को नहीं बुलाता है तो इसमें कोई बड़ी बात तो नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कल भी इसको लेकर बता चुके हैं कि उनको अपनी पार्टी की मीटिंग में किसको बुलाया है और किसको नहीं? उससे मुझे कुछ भी लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि उनलोगों को भी इस बात की जानकारी है कि मैं अभी अपनी यात्रा में जुटा हुआ हूं और इसलिए उन्होंने बुलावा नहीं दिया।
अगर, बुलावा मिलता भी तो मैं चाह कर भी शामिल नहीं हो पाता। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में बजट सत्र के बाद हम फिर से विपक्षी एकजुटता को लेकर निकलेंगे तो उनसे मुलाकात जरूर होगी। नीतीश कुमार ने फिर से पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर अपना रुख साफ किया।
समाधान यात्रा के लिए आरा निकलने से पहले महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर पटना में श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री ने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं कि उनकी निजी कोई ख्वाहिश नहीं है। वे तो सिर्फ गैर विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहतें हैं। उन्हें जो भी बुलायेगा, जहां भी बुलायेगें, वहां जाएंगे। बस यही चाहत है कि विपक्ष के लोग एकजुट हो और देशहित में आगे बढ़ें।