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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले कदम पर टिकी हैं तेजस्वी यादव की निगाहें

By एस पी सिन्हा | Updated: February 4, 2023 16:59 IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार की चर्चा किये जाने के बाद राजद और कांग्रेस के कई नेता मंत्री बनने का ख्वाब पालने लगे थे। लेकिन तेजस्वी यादव ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

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ठळक मुद्देनीतीश कुमार के द्वारा मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार की चर्चा किये जाने के बाद राजद और कांग्रेस के कई नेता मंत्री बनने का ख्वाब पालने लगे थेलेकिन तेजस्वी यादव ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया हैतेजस्वी यादव के द्वारा मंत्रिमंडल का विस्तार टाले जाने से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलों पर विराम लगा दिये जाने के निहितार्थ निकाले जाने लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार की चर्चा किये जाने के बाद राजद और कांग्रेस के कई नेता मंत्री बनने का ख्वाब पालने लगे थे। लेकिन तेजस्वी यादव ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

दरअसल, पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के बयान ने यहां के सियासी गलियारे में सनसनी फैला दी है। मोदी के बयान के बाद महागठबंधन के नेता खासकर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर सशंकित हो उठे हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार आक्रामक मोदी के तेवर में नरमी आई है। मोदी ने तो यहां तक कह दिया है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है और आगे कुछ भी हो सकता है। नीतीश कुमार तीन बार हमारे साथ आये और तीन बार हमें छोड़ कर गये। 

मोदी के इस बयान के बाद महागठबंधन के अन्य दलों खासकर राजद और कांग्रेस नेता परेशान हैं। जाहिर है दोनों को बहुत दिनों बाद सत्ता सुख भोगने का मौका मिला है। यही वजह है कि इन दलों  के नेता तमाम अटकलों को खारिज करते हुए यह दावा कर रहे हैं कि महागठबंधन एकजुट है और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। लेकिन तेजस्वी यादव के द्वारा मंत्रिमंडल का विस्तार टाले जाने से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। 

उधर, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के द्वारा पार्टी में बागी तेवर अख्तियार किये जाने से भी महागठबंधन के अन्य दलों के नेता भी परेशान हैं। कुशवाहा के जदयू के बड़े से बड़े नेताओं के भाजपा के संपर्क में रहने संबंधी बयान से पार्टी में तो खलबली मची ही हुई है। राजद और कांग्रेस नेताओं के भी कान खड़े हो गये हैं। 

कुशवाहा का बड़े नेता से मतलब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं। यह सब लोग समझ रहे हैं। कुशवाहा के इस बयान का भी निहितार्थ निकाला जा रहा है। इस तरह से बिहार में सियासी तूफान से पहले की शांति पर सभी सशंकित हो रहे हैं। पता नही पलटू चाचा का मन कब डोल जाये। शायद इसी आशंका के मद्देनजर तेजस्वी यादव भी अपनी पैनी निगाह अपने पलटू चाचा अर्थात नीतीश कुमार पर टिकाए हुए हैं।

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